Last Updated: Monday, February 4, 2013, 19:59
बेंगलुरु: भारतीय सेना अपना पहला हथियारों से सुसज्जित हल्का लड़ाकू हेलीकाप्टर (एलसीएच) `रूद्र` शुक्रवार को प्राप्त करेगा। हथियारों से सुसज्जित एचएएल का उन्नत हल्का हेलीकाप्टर (एएलएच) रूद्र को औपचारिक रूप से प्रारंभिक संचालन मंजूरी (आईओसी) रविवार को यहां आयोजित एक समारोह में सैन्य उड़ान योग्यता एवं प्रमाणन केंद्र के सीइओ के. तमिलमणि ने प्रदान किया।
हिंदुस्तान एयरोनेटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर.के. त्यागी ने इस मौके पर कहा कि यह हमें आत्मविश्वास प्रदान करता है और यह देश के लिए गर्व की घड़ी है। यह हमारी स्वदेशी गतिविधि को गति प्रदान करता है। रूद्र एवं अन्य हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों पर एचएएल कुछ समय से काम कर रहा है। सेना ने हेलीकाप्टर का नामकरण रूद्र किया है और यह इसका खास तौर से इस्तेमाल करेगी। सेना की विभिन्न ईकाइयों को करीब 80 ऐसे लड़ाकू हेलीकाप्टरों की आपूर्ति की जानी है।
हल्की सामग्री के इस्तेमाल से बना एलसीएच में हथियार चलाने वाले समेत दो पायलट होंगे। उड़ान भरने के बाद यह हिमालय की ऊंचाइयों को भी छूने में समर्थ हो सकेगा। इससे पहले भारतीय वायुसेना ऊंचाई वाले अभियानो के लिए एलसीएच लेना चाह रहा था। किसी भी देश के पास हिमालय की ऊंचाइयों के लिए हेलीकाप्टर नहीं बनाने को देखते हुए वायुसेना की इस पर निगाह थी। अब इस जरूरत पर फैसला सेना ले सकेगी क्योंकि रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में लड़ाकू हेलीकाप्टरों को थल सेना के साथ रखने का फैसला लिया है।
एचएएल के हेलीकाप्टर के लिए प्रबंध निदेशक सौंदरा राजन ने रूद्र के बारे में इंडियास्ट्रेटजिक साइट पर बताया है कि इस हेलीकाप्टर ने मूलरूप परीक्षण में 200 घंटे की उड़ान और उत्पादन के बाद 50 घंटे की उड़ान पूरी करने के अलवा राजस्थान के पोखरण से ओडिसा के बालासोर तक और उत्तर पूर्व सिक्किम में हथियार परीक्षण के लिए 100 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर चुका है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 4, 2013, 19:59