Last Updated: Tuesday, February 28, 2012, 13:38
नई दिल्ली: रूसी लड़ाकू पनडुब्बी के-152 नेरपा भारतीय नौसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने से पूर्व अगले महीने भारतीय समुद्री तट पर पहुंचेगी। इसके साथ ही भारत परमाणु ऊर्जा से लैस पनडुब्बी का संचालन करने वाला विश्व का छठा देश बन जाएगा।
नौसेना के अधिकारियों के अनुसार पहली बार इस्तेमाल की जाने वाली पनडुब्बी आईएनएस चक्र के भारतीय समुद्री तट पर मार्च में किसी भी समय पहुंचने की सम्भावना है। इसका घरेलू अड्डा विशाखापत्तनम में होगा।
ज्ञात हो कि अन्य कई वैश्विक नौसैनिक शक्तियां परमाणु ऊर्जा से लैस पनडुब्बियों का संचालन करती हैं। इनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन शामिल हैं। रूस ने भारतीय नौसेना को लड़ाकू पनडुब्बी 23 जनवरी को सुदूर पूर्वी प्राइमोरये क्षेत्र में आयोजित एक समारोह में सौंपी थी।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने 1990 के मध्य में भारतीय नौसेना को 90 करोड़ डॉलर मूल्य के अनुबंध के तहत 10 वर्ष के पट्टे पर यानी वर्ष 2022 तक के लिए प्रोजेक्ट 971 श्चुका-बी श्रेणी का समुद्री जहाज दिया था, जिसका कोड नाम अकुला-द्वितीय है।
सौदे के तहत रूस ने पनडुब्बी सौंपने से पहले भारतीय पनडुब्बी चालकों को प्रशांत महासागर में एक माह से अधिक समय तक नेरपा के संचालन का प्रशिक्षण दिया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 28, 2012, 19:09