लोकपाल : आर-पार के मूड में टीम अन्ना - Zee News हिंदी

लोकपाल : आर-पार के मूड में टीम अन्ना

रालेगण सिद्धी/नई दिल्ली : अन्ना हजारे ने लोकपाल पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट की आलोचना की और कहा कि इससे लोगों को मूर्ख बनाया गया है जबकि उनकी टीम ने यह कहकर इसकी ‘विश्वसनीयता’ पर ही सवाल खड़े कर दिए कि इसे तो सिर्फ 12 सांसदों का समर्थन है।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट से भ्रष्टाचार से लड़ने में किसी भी तरह से सहयोग नहीं मिलेगा और अपने इस आरोप को दोहराया कि पैनल की अनुशंसाओं के पीछे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का हाथ है।

 

रालेगण सिद्धी में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मुद्दे वही हैं। इसका मतलब है कि स्थायी समिति ने लोगों को बेवकूफ बनाया है। इस रिपोर्ट से भ्रष्टाचार से लड़ने में सहयोग नहीं मिलेगा।’ लोकपाल के दायरे में निचली नौकरशाही को शामिल करने की अपनी मांग को दोहराते हुए अन्ना ने कहा कि सरकार तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को केंद्रीय सतर्कता आयोग के दायरे में लाना चाहती है।

 

अन्ना ने कहा, ‘सीवीसी सरकार के अधीन है, यह वही करेगी जो सरकार कहेगी। तो फिर मतलब क्या है।’ संसद के अंदर सांसदों के व्यवहार को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने की समिति की अनुशंसाओं पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने पूछा, ‘वे भयभीत क्यों हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एक स्कूली बच्चा भी जानता है कि यह छल है।’

 

दूसरी तरफ दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों ने संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया। टीम अन्ना ने यह भी कहा कि स्थायी समिति के प्रस्तावों का वे पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक से देश की भ्रष्टाचार निरोधक प्रणाली दो कदम और पीछे चली जाएगी। टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘स्थायी समिति में 30 सदस्य हैं। दो सदस्यों ने कभी इसमें हिस्सा नहीं लिया। 16 सदस्य इससे असहमत हैं। इसलिए इस रिपोर्ट को सिर्फ 12 सदस्यों की सहमति हासिल है। इस रिपोर्ट की यही विश्वसनीयता है।’

 

केजरीवाल ने दावा किया कि समिति की अनुशंसाओं को अगर लागू किया गया तो इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और सीबीआई की कार्यप्रणाली बंट जाएगी। उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट हमारी भ्रष्टाचार निरोधक प्रणाली को दो कदम पीछे ले जाएगा। हमें इस रिपोर्ट का पुरजोर विरोध करना चाहिए।’ सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने भी केजरीवाल से सहमति दिखाई और कहा, ‘सीबीआई की जांच की शक्तियों को लोकपाल से बाहर रखकर नुकसान किया गया है। क्या संसद इसे पूर्ववत करेगी?’

 

बेदी ने कहा कि लोकपाल को कमजोर करने की आशंका अवांछित नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को जानना आवश्यक है कि सीबीआई की जांच शक्तियां लोकपाल के साथ आवश्यक क्यों है। इसे पूर्ववत करने के लिए पूरे देश को एकजुट होकर विरोध करने की जरूरत है। सीबीआई को लोकपाल के तहत लाया जाए अन्यथा हमारे पास जो है वह भी कमजोर हो जाएगा। बेदी ने कहा, ‘लोकपाल को जांच की शक्ति नहीं दी गई है। इसे पूछताछ की शक्ति दी गई, जिसकी जरूरत नहीं है। बेदी ने उम्मीद जताई कि संसद स्थायी समिति के प्रस्ताव को उलट देगी। (एजेंसी) (एजेंसी)

First Published: Friday, December 9, 2011, 20:29

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