Last Updated: Thursday, December 1, 2011, 05:23
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : लोकपाल के दायरे पर असमंजस की स्थिति अबतक बनी हुई है। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि लोकपाल पर बनी संसदीय समिति ने अपने ड्रॉफ्ट मे ग्रुप सी, ग्रुप ए, और ग्रुप बी के कर्मचारियों को भी लोकपाल के दायरे में लाने का फैसला किया है। जबकि टीम अन्ना नौकरशाही के हर विभाग को लोकपाल के दायरे में लाए जाने के पक्ष में है।
लोकपाल विधेयक के विभिन्न मुद्दों की जांच पर संसदीय समिति में तीखे मतभेदों के बावजूद समूह
ग के कर्मचारियों को इस भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसी के दायरे में लाए जाने और सीबीआई निदेशक की नियुक्ति सरकार के प्रभाव से मुक्त तरीके से करने पर एक आम सहमति है। लेकिन प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने को लेकर अभी सहमति नहीं बन पाई है।
यह माना जा रहा है कि समिति के सदस्य सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति सरकार के प्रभाव से मुक्त तरीके से किए जाने और सीबीआई प्रमुख को चुनने के लिए एक नई चयन समिति के सुझाव पर सहमत थे। प्रस्तावित समिति में प्रधानमंत्री, लोकपाल के अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल होंगे। वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत नियुक्ति के लिए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता वाला सीबीआई चयन बोर्ड सिफारिश करता है। गृह सचिव, सचिव (जन शिकायत) इसके सदस्य होते हैं। अंतिम चयन कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा सीबीआई चयन बोर्ड द्वारा सुझाए गए नामों में से किया जाता है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 1, 2011, 15:26