Last Updated: Wednesday, December 7, 2011, 16:48
रालेगण सिद्धि : लोकपाल मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए गांधीवादी अन्ना हजारे ने निचले स्तर की नौकरशाही को लोकायुक्त के दायरे में रखने संबंधी संसद की स्थायी समिति के प्रस्ताव पर सवाल खड़े किए हैं।
अन्ना ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह अगले साल जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहा है, उनका दौरा करेंगे और लोगों से कहेंगे कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए संप्रग सरकार के पास न तो इच्छा है और न ही ईमानदारी है। ऐसे में इन लोगों को वोट नहीं दिया जाए।
संसद के मौजूदा सत्र में लोकपाल विधेयक पारित करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, अगर कानून लाने के लिए समय नहीं है तो सत्र बढ़ाया जाना चाहिए। संविधान आपको ऐसा करने की इजाजत देता है। अगर आपके पास इच्छाशक्ति है तो आप कुछ भी कर सकते हैं और कानून अभी पारित कर सकते हैं। अगर आपके पास इच्छाशक्ति है तो फिर समस्या क्या है।
अन्ना ने कहा, वे हमें बता रहे हैं कि हम संसद का सम्मान करें। इसी संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया था। आप उसका सम्मान क्यों नहीं कर रहे हैं? आप निचले स्तर की नौकरशाही का मामला राज्यों पर क्यों छोड़ना चाहते हैं?
समिति के प्रस्ताव को गलत करार देते हुए अन्ना ने कहा कि निचले स्तर की नौकरशाही लोकपाल के दायरे में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद भरोसा दे चुकी है कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को लोकपाल के तहत लाया जाएगा। इसके साथ ही राज्यों में लोकायुक्त और सिटीजन चार्टर की बात की गई थी।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 7, 2011, 22:18