Last Updated: Friday, February 1, 2013, 13:42
पटना : लोकपाल विधेयक पर राज्यसभा की प्रवर समिति की दो महत्वपूर्ण सिफारिशों को दरकिनार कर संशोधित प्रारुप को केंद्रीय कैबिनेट के मंजूरी दिए जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए माकपा ने शुक्रवार को कहा कि लोकपाल पर संप्रग सरकार की नीयत में खोट है।
माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मजबूत लोकपाल बनाने पर कांग्रेस पार्टी और केंद्र में सत्तारुढ़ गठबंधन की नीयत में खोट है। संप्रग और कांग्रेस की नीयत पर प्रश्नचिहन लग गया है। संप्रग सरकार लोकपाल को स्वायत्त नहीं बनाना चाहती है। सीबीआई को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने सहित दो महत्वपूर्ण सिफारिशों को नहीं मानकर केंद्र सरकार ने बहुत गलत काम किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान लोकपाल विधेयक जब संसद में आएगा तो उस पर माकपा अपनी रणनीति तय करेगी।
वृंदा ने कहा कि माकपा ने जोरदार ढंग से मांग की थी कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की योजनाओं को भी लोकपाल के दायरे में रखा जाए उसे अस्वीकार कर दिया गया है। इस प्रकार की योजनाओं में प्राकृतिक संसाधनों में लूट देखी गई है। इसलिए कारपोरेट घरानों को भी लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 1, 2013, 13:42