Last Updated: Saturday, August 27, 2011, 05:18
नई दिल्ली. शनिवार को लोकसभा की कार्रवाही अन्ना हजारे के जनलोकपाल के चर्चा के साथ शुरू होगी. बैठक के दौरान लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी सदन में बयान देंगे. प्रणब मुखर्जी के बयान के बाद इस मुद्दे पर चर्चा को आगे बढ़ाया जा सकेगा.
शुक्रवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने बताया था कि शनिवार को वित्त मंत्री और सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा अध्यक्ष से 11 बजे लोकपाल के मुद्दे पर बयान देने की अनुमति मांगी है.
इससे पहले शाम को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और उसके बाद स्थिति कुछ साफ हुई. संसद में शनिवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जन लोकपाल पर चर्चा की शुरुआत करेंगे.
शुक्रवार को सरकार ने अन्ना से लिखित आश्वासन मांगा था कि संसद में चर्चा शुरू होने के बाद वह अपना अनशन खत्म कर देंगे. शुरू में तो टीम अन्ना ने कोई जवाब नहीं दिया. पर सरकार का रुख देखते हुए अन्ना ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अनशन तोड़ने का आश्वासन दे दिया. इसके बाद सरकार ने संसद में नियम 193 के तहत चर्चा का प्रस्ताव किया तो विपक्ष के नियम 184 के तहत चर्चा की मांग रखी. हंगामे और टकराव के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
उधर चर्चा पर सरकार और विपक्ष में टकराव खत्म करने के लिए मीरा कुमार ने सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की.
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने सरकार के सामने दो विकल्प रखे थे. पहला, चर्चा नियम 184 के तहत हो या प्रधानमंत्री के बयान के बाद शुरू की जाए. वहीं, कई दल नियम 184 के तहत बहस को तैयार नहीं थे. बाद में प्रणब के बयान के बाद बहस पर सहमति बनी.
मगर सरकारी सूत्रों की माने तो नियम 184 के तहत चर्चा कराने से संसद की स्थाई समिति के हाथ बंध जाएंगे, जो लोकपाल विधेयक का अध्यन कर रही है. इस नियम में मतविभाजन का प्रावधान है. संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल के मुताबिक, कई बार संसद में मंत्री के बयान के बाद चर्चा हुई है. वित्त मंत्री के बयान पर ही सरकार का रुख होगा.
First Published: Saturday, August 27, 2011, 12:05