Last Updated: Wednesday, July 18, 2012, 21:02

रालेगण सिद्धि: सरकार पर उनकी टीम को बांटने का आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि वह लोकपाल के मुद्दे पर सरकार के साथ और कोई वार्ता नहीं करेंगे। हाल ही में कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से उनकी भेंट की खबरें लीक होने की पृष्ठभूमि में यह घोषणा आयी है।
पुणे के समीप 23 जून को खुर्शीद के साथ भेंट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए हजारे ने कहा कि मंत्री ने उनसे यह बैठक गुप्त रखने को कहा था और वह इस पर सहमत हो गए थे। खुर्शीद ने उनसे दिल्ली में प्रस्तावित उपवास में भी हिस्सा नहीं लेने को कहा था। यहां संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने वह चिट्ठी जारी की जो उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी थी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी के इस दावे का खंडन किया था कि वह लोकपाल के मुद्दे पर सहमति बनाने में सरकार की मदद कर रहे हैं।
हजारे ने कहा, ‘आपकी सरकार की साजिश का पता चलने के बाद मैं अब या भविष्य में किसी मंत्री या किसी जिम्मेदार व्यक्ति के साथ बातचीत नहीं करना चाहता। जनता का संघर्ष समाज एवं देश की की बेहतरी का रास्ता है। जबतक हमें लोकपाल मिल नहीं जाता, जनता का संघर्ष जारी रहेगा। ’
नारायणसामी द्वारा सोमवार को भेजे गए पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें लिखा गया यह पत्र उन्हें देने के बजाय टीम अन्ना के सदस्यों को दिया गया है। इस पत्र में नारायणसामी ने दावा किया है कि हजारे ने सहमति विकसित करने में मदद की।
हजारे ने कहा, ‘मुझे इस बैठक को गुप्त रखने को कहा गया। मैंने कहा कि जनहित में वह ऐसा क्यों नहीं करेंगे। लेकिन नारायणसामी ने अपनी चिट्ठियां मेरी टीम के सदस्यों को पहुंचवाई। यहीं से यह संदेह पैदा होने लगा कि क्या मेरी टीम को बांटने की कोशिश चल रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम का उद्देश्य टीम के अंदर ऐसी अवधारणा पैदा करना था कि अन्ना अपने सहयोगियों को अंधेरे में रख रहे हैं और सरकार से बातचीत कर रहे हैं ताकि एक गलतफहमी पैदा हो एवं टीम बंट जाए।’
हजारे ने आरोप लगाया कि सरकार ने टीम अन्ना में मतभेद पैदा करने के लिए लाख कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो पायी। ऐसा कहा जाता है कि इस पर करोड़ों रूपए खर्च किए गए। उन्होंने कहा, ‘इस देश का क्या होगा जब इसे चलाने वाले लोगों की खराब नीयत होगी। यदि प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी इसका हिस्सा हैं तो यह देश के लिए चिंता का विषय है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि खुर्शीद उन्हें टीम अन्ना और योगगुरू के प्रदर्शनों में नहीं शामिल होने के वास्ते मनाने के लिए उनसे मिले ।
उन्होंने दावा किया कि उन्हें खुर्शीद ने कहा कि सरकार जन लोकपाल विधयेक लाने को इच्छुक है । उन्होंने यह कहते हुए अपनी इस भेंट का बचाव किया कि वह यह सोचकर बैठक के लिए सहमत हुए कि इससे देश को मदद मिलेगी। हजारे ने यह भी दावा किया कि वह सिंह एवं गांधी से बात करेंगे और फिर उनसे संपर्क करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘खुर्शीद ने मुझसे कहा कि प्रधानमंत्री मेरे साथ और मेरी टीम के साथ मुद्दों पर चर्चा करेंगे। जब प्रधानमंत्री मांगें मान लेंगे तब उसे संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से सार्वजनिक कर दिया जाएगा। तबतक इसे गुप्त रखा जाए। ’
उन्होंने यह भी दावा किया कि खुर्शीद ने उन्हें बताया कि सिंह और गांधी ने उनकी मांगें मान ली हैं जिसके बाद उन्हें इस बात पर संदेह प्रकट किया कि सरकार इस विधेयक पर कैसे आगे बढ़ेगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 18, 2012, 21:02