Last Updated: Tuesday, December 27, 2011, 18:03

नई दिल्ली : बहुप्रतीक्षित लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक 2011 मंगलवार को लोकसभा में देर रात तक चली बहस के बाद संशोधनों के साथ ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस पर मतदान से पहले समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और वामपंथी दलों के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। लोकसभा में लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिए मंगलवार रात होने वाले मतदान से पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) के 43 सदस्यों और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने सदन से बहिगर्मन किया।
दोनों पार्टियों के सदस्यों ने सदन से बहिगर्मन के दौरान कहा कि भ्रष्टाचार से सख्ती से निपटने के लिए प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए सरकार उनके सुझावों पर तवज्जो नहीं दे रही है।
अब इस विधेयक पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा होगी। राज्यसभा से इस विधेयक के पारित होने के बाद इसे कानून का रूप दिए जाने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ही यह विधेयक कानून का रूप ले सकेगा।
लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने वाला विधेयक गिरातैंतालीस साल के इंतजार के बाद लोकसभा ने अंतत: भ्रष्टाचार से निपटने के लिए लोकपाल विधेयक पारित कर दिया लेकिन सरकार को साथ ही एक बडा झटका लगा जब लोकपाल और लोकायुक्त को संवैधानिक दर्जा दिये जाने वाला संविधान संशोधन विधेयक गिर गया क्योंकि विधेयक पारित कराने के लिए आवश्यक दो तिहाई बहुमत सरकार नहीं जुटा पायी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 28, 2011, 11:23