Last Updated: Saturday, December 10, 2011, 13:00
नई दिल्ली : जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने आशंका जताई कि प्रस्तावित लोकपाल को चलाने वाले लोग भी अपने हितों के चक्कर में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय काम करना बंद कर सकते हैं।
यादव ने जदयू के नवगठित भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चे द्वारा आयोजित समारोह में कहा, ‘हम चाहते हैं कि लोकपाल मजबूत और संवैधानिक संस्था बने, लेकिन कई बार यह डर लगता है कि इससे भ्रष्टाचार का एक और स्तर सामने आएगा।’ उन्होंने कहा कि वह लोकपाल के मुद्दे पर खुली चर्चा के लिए रविवार को यहां टीम अन्ना के सदस्यों से मुलाकात करेंगे।
यादव ने कहा कि समाज के हर हिस्से में भ्रष्टाचार व्याप्त है। जो लोग लोकपाल चलाएंगे हमारे समाज के ही तो होंगे। उनके अपने हित हो सकते हैं। हमारे समाज की प्रकृति और चरित्र में सुधार के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी होगी जो बुरी तरह भ्रष्टाचार से प्रभावित है। पश्चिमी देशों के साथ तुलना करते हुए उन्होंने कहा, ‘अमेरिका और यूरोप ने दुनिया के आधे हिस्से पर राज किया है क्योंकि वहां लोग कानून का पालन करते हैं और प्रत्येक व्यक्ति के लिए न्याय में भरोसा करते हैं। लेकिन भारत में हर स्तर पर अन्याय दिखाई देता है। हमारे पास अनेक कानून हैं लेकिन इन्हें लागू करने से पहले हम इनका उल्लंघन करने के तरीके खोजने लगते हैं।’
यादव ने गरीबी को देश को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी समस्या करार दिया जिससे अन्य सामाजिक बुराइयां शुरू हुई हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई पहले भी हुई है और अन्ना हजारे उन लोगों में से हैं जिन्होंने इसके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, December 10, 2011, 18:31