Last Updated: Monday, August 12, 2013, 10:28

नई दिल्ली : राजनीतिक दलों को पारदर्शिता कानून के दायरे से बाहर रखने के लिए सरकार सोमवार को लोकसभा में आरटीआई अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करने जा रही है।
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्य मंत्री वी नारायणसामी द्वारा निचले सदन में विधेयक पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अगस्त को राजनीतिक दलों को छूट प्रदान करने के लिए आरटीआई अधिनियम में संशेाधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा करीब दो महीने पहले छह राजनीतिक दलों कांग्रेस, भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी , माकपा , भाकपा और बसपा को आरटीआई अधिनियम के दायरे में लाए जाने का आदेश देने के बाद कैबिनेट ने अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई थी।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार राजनीतिक दलों को सुरक्षा प्रदान करने के मकसद से अधिनियम की धारा 2 में संशोधन का भी प्रस्ताव कर सकती है जो लोक प्राधिकार की व्याख्या करता है ।
प्रस्तावित संशोधन यह स्पष्ट करेंगे कि लोक प्राधिकार में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत पंजीकृत राजनीतिक दलों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
सीआईसी ने अपने 3 जून के आदेश में कहा था कि छह राजनीतिक दलों को परोक्ष रूप से केंद्र सरकार से धन मिलता है और उन्हें जन सूचना अधिकारियों की नियुक्ति करने की जरूरत है क्योंकि आरटीआई अधिनियम के तहत वे लोक प्राधिकार के तरह की हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 12, 2013, 10:28