वड्रा-DLF के बीच साठगांठ के सबूत हैं: केजरीवाल

वड्रा-DLF के बीच साठगांठ के सबूत हैं: केजरीवाल

नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द केजरीवाल ने राबर्ट वड्रा और डीएलएफ के व्यापारिक संबन्धों की उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग करते हुए आज दावा किया कि आपसी साठगांठ के बारे में उनके पास और सबूत हैं। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि हरियाणा सरकार ने इस प्रमुख रियल्टी समूह को कथित तौर पर जो फायदे पहुंचाये हैं, उसके बारे में श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए। वड्रा और डीएलएफ के बीच आपसी फायदा पहुंचाने के अपने पूर्व आरोपों के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास हरियाणा सरकार और डीएलएफ के बीच ‘‘साठगांठ’’ के और सबूत हैं।

उन्होंने कहा, प्रथम दृष्टया (वड्रा के खिलाफ) मजबूत सबूत हैं। हम उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के विशेष जांच दल से निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं। वड्रा के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करायी जाये। पूर्व राजस्व अधिकारी केजरीवाल ने दावा किया कि वड्रा पर आयकर विभाग द्वारा छापा मारने के लिए यह उपयुक्त मामला है। लेकिन जब वित्त मंत्री स्वयं यह कह चुके हों कि उसके बहीखाते पाकसाफ हैं तो कार्रवाई करने का साहस कौन कर सकता है। हालांकि वड्रा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है, लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने उनके खिलाफ लगाये गये ताजा आरोपों को आधारहीन कहकर खारिज कर दिया और कहा, कुछ भी नया नहीं है तथा कोई सबूत नहीं है। अरविन्द केजरीवाल को अपने अभियान के वित्तीय पक्ष के बारे में श्वेत पत्र लाने की चुनौती देते हुए अल्वी ने उनसे कहा कि वह मामले में आपराधिक शिकायत दर्ज करवाये तथा अदालत की शरण लें ताकि कानून अपना कम कर सकें। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 9, 2012, 22:04

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