Last Updated: Friday, September 20, 2013, 10:17
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : सेना की ओर से रक्षा मंत्रालय से जनरल वीके सिंह द्वारा बनाई गई गुप्त खुफिया इकाई के क्रियाकलापों की उच्चस्तरीय जांच के आदेश देने का आग्रह को विपक्ष ने राजनीतिक प्रपंच करार दिया है। सेना ने संदेह जताया है कि इस इकाई ने ‘अनधिकृत क्रियाकलाप’ और वित्तीय गड़बड़ियां कीं।
विपक्ष ने कहा है कि वीके सिंह के खिलाफ जांच की सिफारिश पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और इसके पीछे राजनीतिक विद्वेष की भावना है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता बलवीर पुंज और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने वीके सिंह के खिलाफ जांच की सिफारिश के समय को लेकर सवाल उठाए हैं।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में बलवीर पुंज ने कहा कि रिपार्ट की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है। जनरल सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर आवाज उठाए हैं। मोदी के साथ उनके जुड़ाव और केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर होने के चलते उन्हें दंडित किया जा रहा है। बेदी ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि जब वीके सिंह एकता की बात कर रहे थे, तब वह हीरो थे। अब उन्होंने एक इनसाइडर के तौर पर बोलना शुरू किया है तो उन्हें नीचा दिखाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने वीके सिंह के मामले में जांच की सिफारिश कर दी है। सेना खुद अपनी ओर से कोई जांच इस मामले में नहीं करना चाहती है। इसके पीछे सेना की मंशा यह है कि वह पूर्व आर्मी चीफ के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाना चाहती है।
सूत्रों ने यहां कहा कि रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की अवैध तरीके से फोन टैपिंग करने के आरोपी तकनीकी सहायता विभाग के बारे में सेना की रिपोर्ट हाल में रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है और रिपोर्ट में इस इकाई के क्रियाकलापों की जांच की सिफारिश की है। संपर्क किये जाने पर सेना मुख्यालय ने कहा कि उनकी ओर से मामला बंद है और वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।
सूत्रों ने कहा कि सेना अपनी ओर से इस इकाई के खिलाफ जांच नहीं करना चाहती क्योंकि वह अपने पूर्व प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नहीं दिखना चाहती। यह रिपोर्ट जनरल बिक्रम सिंह द्वारा इस शीर्ष खुफिया इकाई के क्रियाकलापों की समीक्षा के लिए गठित अधिकारी बोर्ड (बीओओ) की ओर से सैन्य अभियान के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने तैयार की। इन खबरों पर जनरल वीके सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से आपसी झगड़ा है क्योंकि कुछ लोग मेरे द्वारा देश के पूर्व सैनिकों के हितों के लिए नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने से सहज महसूस नहीं कर रहे हैं।
उनहोंने कहा कि अगर किसी ने इस इकाई के क्रियाकलापों की जांच की सिफारिश की है तो वह व्यक्ति अनावश्यक रूप से बात कर रहा है क्योंकि यह अभियान गुप्त रखने के लिए था। कहा जा रहा है कि भाटिया नीत समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि इस समिति ने कथित रूप से ‘अनधिकृत क्रियाकलाप’ किया।
First Published: Friday, September 20, 2013, 10:16