Last Updated: Monday, November 21, 2011, 17:13
नई दिल्ली : लोकपाल के दायरे में कौन रहेगा और कौन नहीं, इसे लेकर जारी अटकलों के बीच संसद की एक स्थायी समिति के अध्यक्ष अभिषेक सिंघवी ने मंगलवार को कहा कि यह प्रस्तावित विधेयक कामकाज की दृष्टि से व्यावहारिक होगा।
लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही संसद की कार्मिक तथा विधि और न्याय मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष सिंघवी ने बताया कि समिति का हर एक सदस्य मजबूत और संवैधानिक रूप से मान्य विधेयक सुनिश्चित कराने के लिये श्रेष्ठ कोशिशें करेगा। इसका मकसद कामकाज की दृष्टि से एक व्यावहारिक विधेयक को आकार देना है।
उनकी यह टिप्पणी इस लिहाज से महत्व रखती है कि कुछ खबरों में कहा गया है कि प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री पद को लाने को लेकर संसदीय समिति के सदस्यों में तीखे मतभेद हैं। कुछ सदस्यों का यह मानना है कि प्रधानमंत्री पद को लोकपाल के दायरे में होना चाहिए और अन्य सदस्यों ने कहा है कि ऐसा करने से बचना चाहिए।
कुछ सदस्यों ने मध्य मार्ग सुझाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को इस दायरे में लाया जाना चाहिए लेकिन इसमें विदेशी मामलों तथा आंतरिक सुरक्षा से संबंधित उनके कुछ कर्तव्यों को दायरे से बाहर रखने जैसी कुछ शर्तें होनी चाहिए।
सिंघवी ने कहा, बड़ी संख्या में मुश्किल और जटिल मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि समिति सात दिसंबर को उसका कार्यकाल खत्म होने से काफी पहले अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। सिंघवी ने कहा कि समिति की इस सप्ताह दो या तीन बैठकें होंगी और फिर रिपोर्ट को वितरित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, कोई समय सीमा नहीं दी जा सकती लेकिन हम संतोषजनक तरीके से प्रगति कर रहे हैं।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 21, 2011, 22:45