Last Updated: Wednesday, November 16, 2011, 15:12

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को
कहा कि वह लोकपाल विधेयक को अगले सप्ताह से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पारित कराने के प्रति दृढ़ हैं। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि यह विधेयक अभी संसद की स्थायी समिति के पास है और समिति इस पर गौर कर रही है।
बंसल ने 22 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक महीने लंबा यह सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा और इस सत्र के दौरान कुल 21 बैठकें होंगी। उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान कुल 31 विधेयकों को चर्चा कर पारित करने का प्रयास किया जाएगा। ये सभी विधेयक संसद में पेश हो चुके हैं। इन विधेयकों में न्यायिक जवाबदेही विधेयक, महिला आरक्षण विधेयक, बीज विधेयक, कापीराइट विधेयक व्हीसल ब्लोअर विधेयक और पेंशन कोष नियामक विधेयक शामिल है।
उन्हें उम्मीद है कि अभिषेक सिंघवी की अध्यक्षता वाली यह संसदीय स्थायी समिति अपनी रिपोर्ट एक दो दिसंबर तक सौंप देगी, हालांकि समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिए सात दिसम्बर तक का समय दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार लोकपाल विधेयक के बारे में संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट पर खुले मन से विचार करने को तैयार है। यह पूछे जाने पर कि क्या शीतकालीन सत्र में यह विधेयक पारित हो जाएगा, उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह एक प्राथमिकता वाला विधेयक है और सरकार इसे पारित कराने के लिए दृढ़ है। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, लेकिन यह अकेले एक उपाय या कानून से संभव नहीं है। इसके लिए अनेक उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अगर स्थायी समिति सहमत होगी तो लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के लिए अलग से एक विधेयक हो सकता है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी ने लोकपाल को चुनाव आयोग की तरह संवैधानिक दर्जा दिए जाने की वकालत की है। बंसल ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार से लड़ना है तो सरकारी विभागों द्वारा जनता को समय पर सेवाएं प्रदान करने की जरूरत होगी। साथ ही, सरकारी खरीद का मुद्दा भी इससे जुड़ा है। इन सब को एक बहु प्रयोजन वाले विधेयक से नहीं किया जा सकता।
एक सवाल के जवाब में बंसल ने बताया कि भूमि अधिग्रहण विधयेक के इस सत्र में आने की संभावना कम है क्योंकि यह विधेयक संसदीय स्थायी समिति के पास है और इस पर चर्चा करने के लिए समिति की अभी कुछ ही बैठकें हुई हैं ।
उन्होंने बताया कि इन विधेयकों के अलावा शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 23 विधेयकों की पहचान की गई है। इनमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण संशोधन विधेयक, कंपनी विधेयक और रेल सुरक्षा बल संशोधन विधेयक शामिल है। उन्होंने कहा कि सभी दलों के मुख्य सचेतकों के साथ आज सुबह उनकी बैठक हुई थी और उन्हें उम्मीद है कि संसद का यह सत्र सुचारू रूप से चले इसके लिए विभिन्न दल पूरा सहयोग देंगे।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 16, 2011, 20:42