Last Updated: Sunday, January 15, 2012, 16:15
नई दिल्ली : पूरे देश में लोगों ने मकर संक्रांति के अवसर पर नदियों, तालाबों में स्नान किया, मंदिरों में पूजा अर्चना की और जमकर पतंग बाजी की। देश के सभी भागों में मकर संक्रांति का पर्व विभिन्न नामों से मनाया जाता है।
उत्तर भारत में सुबह कड़ाके की ठंड के बावजूद लोगों ने नदियों में स्नान कर दानकर्म किया और मंदिरों में पूजा अर्चना की। इस अवसर पर लगने वाले मेलों एवं अन्य सभी जगहों के सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
इस अवसर पर इलाहाबाद में गंगा-जमुना-सरस्वती (पुराणों के मुताबिक) के संगम पर हजारों लोगों ने स्नान किया। गंगा-यमुना के संगम के किनारे बने मंदिरों में लोगों की लंबी लाइनें लगी रहीं।
मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्य उत्तरायण होते हैं और मकर राशि से कर्क राशि में प्रवेश करते हैं। इस अवसर पर लोग गरीबों को और बच्चों को तिल से बनी चीजें, व्यंजन दान करते हैं।
पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप में हर साल लगने वाले गंगासागर मेले में आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी में डुबकी लगायी।
इसके अलावा राजधानी दिल्ली समेत देश के सभी भागों में आसमान रंग-बिरंगे पतंगों से भरा रहा। बच्चों और बुजुर्गों ने भी पतंगबाजी के खूब मजे लिए। तमिलनाडु में रविवार को पोंगल का आयोजन किया गया। इस दिन किसान नयी फसल होने के अवसर पर अपने कृषि उत्पादों के साथ सूर्य की पूजा करते हैं।
तमिलनाडु में पोंगल का आयोजन अत्तर भारत की लोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व की तरह ही होता है।
राज्य में लोगों तमिल माह ‘थाई’ का स्वागत करने के लिए रंग-बिरंगी रंगोलियां बनाईं। घरों को पाम के पत्तों और फूलों से सजाया गया था। विशेष व्यंजन बनाए गए थे।
पवित्र नगर हरिद्वार में हर-की-पैड़ी पर आज करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में पवित्र स्नान किया। हरिद्वार पहुंचने वालों में ज्यादातर श्रद्धालु हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के निवासी थे। जिला प्रशासन ने मकर संक्रांति के स्नान के लिए उम्दा इंतजाम किए थे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 15, 2012, 21:45