संघ प्रमुख की टिप्पणी को संपूर्णता में देखा जाए : भाजपा

संघ प्रमुख की टिप्पणी को संपूर्णता में देखा जाए : भाजपा

संघ प्रमुख की टिप्पणी को संपूर्णता में देखा जाए : भाजपानई दिल्ली : भारत में बलात्कार की घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की विवादास्पद टिप्प्णी से बचाव की मुद्रा में आई भाजपा ने यह कह कर सफाई देने की कोशिश की है कि यह बात भारतीय संस्कृति, परंपरा और मूल्यों के संदर्भ में कही गई थी और इसे इसी रूप में लेना चाहिए।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने यहां कहा, ‘संघ प्रमुख की हाल की टिप्पणी को लेकर बनाया गया विवाद अनावश्यक है। उनकी टिप्पणी को संपूर्णता में देखा जाना चाहिए। वह भारत के संस्कार और मूल्यों की बात कर रहे थे, जिसमें महिलाओं के सम्मान को गौरवमयी स्थान दिया गया है।’ दिल्ली में हाल ही में एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना के बीच भागवत ने कल सिल्चर में महिलाओं के साथ कदाचार की घटनाओं के संदर्भ में एक बयान देकर बवाल खड़ा कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध इंडिया में होते हैं, भारत में नहीं।’ संघ प्रमुख ने दावा किया कि शहरों में रहने वाली महिलाएं पश्चिमी जीवनशैली को अपनाती हैं और उसकी वजह से उनके खिलाफ अपराध होते हैं। बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया से भागवत का बचाव करने का प्रयास करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं का सम्मान संघ की विचारधारा का मुख्य बिंदु है।

संघ के वरिष्ठ नेता राम माधव ने भी भागवत का बचाव करते हुए कहा कि संघ प्रमुख के बयान को उसकी संपूर्णता में देखना उचित होगा। भागवत ने दावा किया कि बलात्कार जैसी शर्मनाक घटनाएं भारत यानी ग्रामीण इलाकों में नहीं घटती हैं। ‘आप देश के गांवों और वन क्षेत्रों में जाइए, सामूहिक बलात्कार या यौन अपराध की घटनाएं वहां देखने को नहीं मिलेंगी। जहां ‘भारत’ पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव से बन जाता है ‘इंडिया’ वहां ऐसी वारदात होती है।

माकपा की नेता बृंदा कारत ने भागवत की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा, ‘संघ प्रमुख को ना भारत की समझ है और ना ही इंडिया की।’ बृंदा ने सरकारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बलात्कार की सबसे अधिक घटनाएं गरीब, दलित और आदिवासी समुदायों में होती हैं।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भागवत की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, ‘यह संघ की मानसिकता को दर्शाता है, क्योंकि इंडिया और भारत में कोई फर्क नहीं है।’ राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख ममता शर्मा ने कहा कि भागवत को भूगोल के आधार पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों को विभाजित करना बंद करके वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए। शर्मा ने कहा, ‘हम सब भारतीय हैं। हम सब भारत के नागरिक हैं। जमीनी स्तर पर जाकर देखिए कि महिलाओं की क्या स्थिति है।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, January 4, 2013, 18:56

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