Last Updated: Sunday, October 7, 2012, 21:46

नई दिल्ली : अजय संचेती के साथ व्यापारिक संबंध के बारे में आरोपों पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कांग्रेस को चुनौती दी है कि यदि वह इसे साबित कर दे तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में गडकरी ने कहा, ‘मैं कांग्रेस पार्टी और मीडिया को चुनौती देता हूं कि यदि आपके पास इस बात का एक भी सबूत है जिससे यह साबित हो सके कि मेरे अजय संचेती या शरद पवार के साथ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष व्यापारिक संबंध हैं तो कृपया इसे साबित करें। मैं अपनी पूरी सम्पत्ति उसे दे दूंगा जो इसे साबित करेगा और साथ ही मैं राजनीति छोड़ दूंगा।’ संसद में ममता बनर्जी की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन के मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘सौ प्रतिशत। हम उनका समर्थन करेंगे..एक फार्मूला है।’ उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वापस लेने के बाद उसने संसद में बहुमत खो दिया है।
गडकरी ने पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के मुद्दे पर कहा, ‘उचित समय पर लोकसभा चुनाव के बाद हम निर्णय करेंगे। हमें थोड़ा और इंतजार करने दीजिए, चुनाव के बाद हमें कितनी सीटें मिलती हैं हम उस आधार पर निर्णय करेंगे कि कौन उम्मीदवार होगा।’ उन्होंने कहा ‘बहुमत प्राप्त करना’ भाजपा का मुख्य उद्देश्य है तथा लोकसभा चुनाव में कितनी सीटें मिलेंगी, ‘हम उस आधार पर बैठकर उम्मीदवारी का निर्णय करेंगे।’ गडकरी ने इस बात से इनकार किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुझाव दिया है कि राजग के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा चुनाव से पहले हो। उन्होंने कहा, ‘वह कभी भी ऐसे नहीं कहते।’
गडकरी ने इस बात से भी इनकार किया कि भाजपा का अपने गठबंधन सहयोगी जदयू के साथ कोई मतभेद है। यह पूछे जाने पर कि क्या गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा की पसंद हैं, गडकरी ने कहा, ‘वह इस पद के लिए प्रमुख दावेदारों में से एक हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसे कई नेता हैं जो प्रधानमंत्री बनने योग्य हैं जिसमें आडवाणी से लेकर अरुण से लेकर सुषमा, राजनाथ सिंह, जोशी, नरेंद्र मोदी, ये सभी प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य हैं, ये सभी जनता के नेता हैं और सभी योग्य नेताओं का समूह पार्टी का थिंक टैंक है तथा हम सभी उचित समय पर निर्णय करेंगे कि हमारा उम्मीदवार कौन होगा।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 7, 2012, 21:46