संसद को सुचारू रूप से चलने दें विपक्षः पीएम

संसद को सुचारू रूप से चलने दें विपक्षः पीएम

संसद को सुचारू रूप से चलने दें विपक्षः पीएम नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष से संसद के सुचारू संचालन में सहयोग की आज अपील की और कहा कि सरकार मानसून सत्र के दौरान सभी मुद्दों पर चर्चा की इच्छुक है।

प्रधानमंत्री ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, हम पिछले दो-तीन सत्रों में काफी समय बर्बाद कर चुके हैं और उम्मीद है कि इस सत्र में यह दोहराया नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, संसद में सभी मुद्दों पर हम चर्चा के इच्छुक है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह यह सुनिश्चित करे कि सत्र ठोस परिणामों के साथ वास्तव में फलदायी और सृजनात्मक हो।

संसद के मानसून सत्र में कामकाज का भारी एजेंडा है। आज से शुरू होकर 30 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में खाद्य सुरक्षा विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया जाना है। भाजपा समेत कई दलों ने कहा है कि वे सैद्धांतिक रूप से खाद्य सुरक्षा विधेयक का समर्थन करते हैं लेकिन पृथक तेलंगाना राज्य पर फैसले समेत कई अन्य मुद्दे पहले कुछ दिन तक लोकसभा और राज्यसभा में अपना असर दिखा सकते हैं क्योंकि आंध्र प्रदेश के सीमांध्र इलाके के सदस्य इस घटनाक्रम पर उद्धेलित हैं।

सीमांध्र क्षेत्र से कांग्रेस और तेदेपा के कई सदस्य फैसले के विरोध में अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं लेकिन उन्हें स्वीकार नहीं किया गया है और कांग्रेस नेतृत्व अपने सांसदों और मंत्रियों को बगावत से रोकने में मनाने में लगा है। सर्वाधिक महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अध्यादेश समेत विधायी कामकाज को निपटाने में प्रधानमंत्री पहले ही विपक्ष का सहयोग मांग चुके हैं।

वित्त मंत्री पी चिदम्बरम भी बीमा और पेंशन सेक्टर को खोले जाने जैसे महत्वपूर्ण सुधार विधेयकों पर समर्थन के लिए भाजपा की ओर हाथ बढ़ा चुके हैं लेकिन वे इस संबंध में कोई आश्वासन हासिल करने में विफल रहे हैं।

चिदम्बरम ने वित्त विधेयकों पर भाजपा नेताओं सुषमा स्वराज और अरूण जेटली तथा यशवंत सिन्हा से बातचीत की थी जो सत्र के दौरान विचार के लिए सूचीबद्ध हैं।

भाजपा नेताओं ने नियमित और जरूरी वित्तीय कामकाज में सहयोग पर सहमति जतायी है लेकिन संकेत दिया है कि पार्टी बीमा और पेंशन सेक्टरों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए और खोले जाने का विरोध करेगी।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने रूपये के अवमूल्यन , बढ़ती कीमतों और धीमी सकल घरेलू उत्पाद दर की पृष्ठभूमि में मौजूदा आर्थिक स्थिति पर बहस की मांग की है। मानसून सत्र में विचार के लिए करीब 40 विधेयक सूचीबद्ध हैं जिसमें कामकाज के लिए केवल 12 दिन मिलेंगे। हालांकि सरकार ने जरूरत पड़ने पर सत्र का विस्तार करने की इच्छा जतायी है। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 5, 2013, 11:47

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