Last Updated: Sunday, August 4, 2013, 20:27

नई दिल्ली : राजग ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार को विधायी कार्य में सहयोग देने का आश्वासन दिया लेकिन साथ ही कहा कि गठबंधन उत्तराखंड त्रासदी, खराब आर्थिक स्थिति, डॉलर के मुकाबले रूपये की कमजोर स्थिति, सीबीआई-आईबी गतिरोध, चीन का आक्रमक रूख, तेलंगाना, अफगानिस्तान में भारतीय हितों की रक्षा, पेट्रोल-डीजल की कीमत जैसे जनहित और देशहित से जुड़े मुद्दों पर संप्रग सरकार को कटघरे में खड़ा करेगी।
भाजपा नीत गठबंधन ने कहा कि वह खाद्य सुरक्षा विधेयक पर नीतिगत रूप से सहमत है लेकिन इसके कई आयामों पर चर्चा किया जाना जरूरी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर राजग की करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद राज्यसभा में पार्टी के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार सत्र के दौरान पांच अध्यादेश और 44 विधेयक लेकर आ रही है। जो भी आवश्यक विधायी कार्य होगा, हम उसमें सहयोग करेंगे लेकिन सरकार विधायी कार्य के लिए उत्सुक है, तो हम भी जनता और देशहित से जुड़े विषयों को उठाने को तत्पर हैं।’
उन्होंने कहा, ‘विपक्ष को जनता और देशहित से जुड़े विषयों को उठाने का पर्याप्त मौका दिया जाना चाहिए।’ बहरहाल भाजपा ने गठबंधन के पूर्व सहयोगी जनता दल यू से संसद में विभिन्न विषयों पर समन्वय की अपेक्षा की। भाजपा नेता ने कहा कि बैठक में संसद सत्र में गठबंधन की ओर से उठाये जाने वाले गंभीर विषयों पर चर्चा की गई। हम उत्तराखंड त्रासदी, खराब आर्थिक स्थिति, डालर के मुकाबले रूपये की कमजोर स्थिति, सीबीआई-आईबी गतिरोध, चीन का आक्रमक रूख, तेलंगाना जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठायेंगे।’
जदयू के राजग से अलग होने के बाद गठबंधन की पहली बैठक में तय किया गया कि जलालाबाद, काबुल में भारतीय प्रतिष्ठानों को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाये जाने पर सरकार की अफगानिस्तान के बारे में सामरिक नीति पर जवाब मांगा जायेगा। प्रसाद ने कहा, ‘हम सरकार से पूछेंगे कि नाटो बलों के अफगानिस्तान से हटने के बाद भारत की सामरिक नीति क्या होगी, ऐसे समय में जब पाकिस्तान की आईएसआई भारतीय हितों को निशाना बनाने की साजिश में जुटी है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार पेट्रोल, डीजल की कीमतें कुछ.कुछ दिनों पर बढ़ा देती है और अब यह गंभीर स्थिति अख्तियार कर चुकी है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। इस विषय पर हम सरकार से जवाब मांगेगे।
भाजपा नेता ने कहा, ‘चीन आक्रामक तेवर दिखा रहा है और यह गंभीर मामला है। हम सरकार से मांग करेंगे कि वह अपना पक्ष साफ करे।’ उन्होंने कहा कि सीबीआई और आईबी में जंग छिड़ी हुई है और ऐसा पहली बार देखने को मिला है। इससे देश की सुरक्षा के समक्ष खतरा उत्पन्न हो गया है। हम इस पर सरकार से जवाब मांगेंगे।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘जिस तरह से तेलंगाना मुद्दे से गलत ढंग से निपटा गया है, उससे पूरे क्षेत्र में अशांति उत्पन्न हो गई है। कांग्रेस ने यह फैसला पूरी तरह से राजनीतिक कारणों से किया है और ऐसे समय में किया है, जब चुनाव करीब आ रहे हैं। कांग्रेस का एक धडा इसका समर्थन कर रहा है तो दूसरा इसके विरोध में है।’ उन्होंने कहा कि जब राजग की सरकार थी तब छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड तीन राज्यों का गठन किया गया और यह शांतिपूर्ण प्रक्रिया के तहत सम्पन्न हुआ। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमारा मकसद राजनीतिक नहीं बल्कि उद्देश्य पर आधारित था। जबकि कांग्रेस ने इस विषय को राजनीतिक बना दिया।
लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई राजग की बैठक में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के अलावा सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, जसवंत सिंह, शिवसेना के अनंत गीते, संजय राउत, अकाली दल के रतन सिंह अजनाला, नरेश गुजराल, हरियाणा जनहित कांग्रेस के कुलदीप विश्नोई आदि शामिल हुए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 4, 2013, 15:35