Last Updated: Tuesday, December 6, 2011, 03:46
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीनई दिल्ली : लोकपाल पर रिपोर्ट को संसद में पेश किए जाने में विलंब को लेकर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए संसदीय समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने आज कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट किसी को या हर किसी को खुश करने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रीय हित में तैयार की है।
उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट हर व्यक्ति, संगठन या सभी लोगों या संगठनों को खुश नहीं करती। अगर आप सहमत नहीं हैं तो यह आपकी समस्या है।’ और वक्त मांगे जाने के सवाल पर सिंघवी ने कहा कि प्रक्रियागत कारणों के चलते कुछ दिन का समय और मांगा गया है। संसद में रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय की मांग के मुद्दे पर सिंघवी ने उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुवाद तथा इसकी बाइंडिंग के लिए ‘प्रक्रियागत विस्तार’ मांगा गया है और इसे विलंब नहीं कहा जाना चाहिए।
अंसारी से मुलाकात के बाद सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘अगर काम कल हो जाता है तो रिपोर्ट दो या तीन दिन में संसद में पेश कर दी जाएगी।’ उन्होंने कहा कि किसी अन्य संसदीय समिति ने इतने व्यापक और जटिल विषय पर केवल ढाई माह में रिपोर्ट पूरी नहीं की होगी। लोकपाल विधेयक इस साल अगस्त में कार्मिक तथा विधि एवं न्याय विभाग की स्थायी समिति के पास भेजा गया था। समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन माह का समय दिया गया था। समिति को अपनी रिपोर्ट 9 नवंबर को पेश करनी थी, लेकिन उसका समय 7 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया।
सिंघवी ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट समिति की भावना तथा लोकपाल विधेयक पर सदस्यों के मतभेदों को परिलक्षित करेगी। लोकपाल विधेयक के मसौदे में वर्णित सिफारिशों को टीम अन्ना द्वारा खारिज किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर सिंघवी ने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट किसी को या हर किसी को खुश करने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रीय हित में तैयार की है। उन्होंने कहा ‘रिपोर्ट हर व्यक्ति, संगठन या सभी लोगों या संगठनों को खुश नहीं करती। अगर आप सहमत नहीं हैं तो यह आपकी समस्या है।’
First Published: Wednesday, December 7, 2011, 13:34