Last Updated: Tuesday, May 1, 2012, 13:22
रायपुर : छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले के कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन की रिहाई का रास्ता साफ होने के बाद अब राज्य सरकार, दोनों ओर के मध्यस्थों और मेनन के परिजनों को उनकी वापसी का इंतजार है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव एन बैजेंद्र कुमार ने मंगलवार को यहां बताया कि सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए कल राज्य सरकार और माओवादियों के मध्यस्थों के बीच हुए समझौते के बाद अब राज्य सरकार को मेनन की वापसी का इंतजार है। कुमार ने बताया कि उम्मीद है कि माओवादी आज शाम तक या फिर कल सुबह तक मेनन को रिहा कर देंगे।
उन्होंने बताया कि आज सुबह माओवादियों के मध्यस्थ बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से मुलाकात की। सिंह ने इस दौरान बीडी शर्मा और हरगोपाल को मामले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि शांतिवार्ता आगे भी जारी रहे। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया कि इससे पहले आज मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने सहयोगियों को सुकमा के कलेक्टर मेनन की रिहाई के लिए उठाए गए कदम और समझौते के बारे में जानकारी दी।
इधर, माओवादियों के मध्यस्थों में से एक बीडी शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के साथ हुए समझौते के बारे में माओवादियों को जानकारी दी जा चुकी है तथा उम्मीद है कि जल्द ही माओवादी कलेक्टर मेनन को रिहा कर देंगे, जिससे वह अपने परिजनों तक मिल सकें। यह पूछे जाने पर कि क्या माओवादी मेनन को अपने मध्यस्थों के सामने ही रिहा करेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है, लेकिन अभी तक माओवादियों की तरफ से उन्हें कोई संदेश नहीं मिला है और न ही उन्हें कलेक्टर मेनन को लेने जंगल पहुंचने के लिए कहा गया है। अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि माओवादियों ने कलेक्टर को कहां रखा है। पिछले 10 दिनों से अपने पति का इंतजार कर रहीं कलेक्टर की पत्नी आशा मेनन ने मेनन की रिहाई के लिए हुए समझौते की खबर पर खुशी जताई है और कहा है कि वह अपने पति की वापसी का इंतजार कर रही हैं।
आशा मेनन ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनके पति को माओवादी जल्द रिहा कर देंगे। अब वह अपने पति अलेक्स मेनन का इंतजार कर रही हैं। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर अलेक्स पाल मेनन का माओवादियों ने इस महीने की 21 तारीख को अपहरण कर लिया था तथा उनके दो सुरक्षा कर्मियों को गोली मार दी थी। इस घटना को अंजाम देने के लिए माओवादियों ने राज्य सरकार से अपने 17 साथियों को रिहा करने समेत पांच मांगे सामने रख दी थी।
पहले माओवादियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को 25 अप्रैल तक का समय दिया था। उन्होंने कल भेजे अपने एक संदेश में आठ कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग करके सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी थी। बाद में कल देर रात इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से मध्यस्थ मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव एसके मिश्रा तथा माओवादियों की ओर से मध्स्थ पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीडी शर्मा और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हरगोपाल ने कलेक्टर मेनन की रिहाई के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के मुताबिक राज्य के जेलों में वषरें से बंद आदिवासियों के मामले की जांच और सुनवाई के लिए एक स्थायी उच्चाधिकार समिति बनाई जाएगी। इस समझौते के बाद माओवादी कलेक्टर मेनन को दो मई तक रिहा कर देंगे।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 1, 2012, 18:52