सांप्रदायिक हिंसा बिल पर बिफरा संघ - Zee News हिंदी

सांप्रदायिक हिंसा बिल पर बिफरा संघ

नागपुर : सांप्रदायिक हिंसा विधेयक के मसौदे को ‘लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने के लिए विकृत विचारधारा वाली बुद्धि की उपज’ करार देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की संवैधानिक स्थिति पर सवाल खड़े किए.

भागवत ने यहां रेशमीबाग में सालाना दशहरा रैली में कहा कि प्रधानमंत्री ने भी संशोधित मसौदा तैयार करने का आश्वासन दिया है लेकिन प्रस्तावित कानून ‘विकृत विचारधारा है जिससे संविधान की भावना ही नष्ट हो जाएगी.’ उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि इस विधेयक को लाने के किसी भी प्रयास का जोरदार विरोध किया जाएगा. प्रस्तावित विधेयक का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि इससे एनएसी जैसी संविधान से इतर संस्थाओं को व्यापक अधिकार मिल जाएंगे जो लोक प्रशासन के मूल सिद्धांत के खिलाफ है.

भागवत ने कहा कि परिषद के कुछ सदस्यों की साख संदेह के घेरे में है और उच्चतम न्यायालय इस संबंध में जांच कर रहा है. उन्होंने सवाल किया कि इस देश को कैबिनेट चला रहा है या विकृत और राष्ट्र विरोधी तत्व चला रहे हैं. परिषद पर हमला बोलते हुए भागवत ने कहा, ‘इस प्रारूप को तैयार करने वाली तथाकथित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का संवैधानिक स्थान व अधिकार क्या है, कोई नहीं जानता. इस कानून का प्रारूप देश को सदा के लिए कलह और अशांति में उलझा सकता है.’

उन्होंने प्रस्तावित विधेयक को ‘अनुचित, लोकतंत्र और संविधान विरोधी कानून’ बताया. भागवत ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन सहित कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने चीन जैसे देशों के साथ भारत के संबंध, आतंकवाद, पूर्वोत्तर की समस्याएं और कश्मीर मुद्दे पर भी चिंता व्यक्त की. (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 6, 2011, 21:41

comments powered by Disqus