साक्षरता मनुष्य की बुनियादी जरूरत है : प्रणब

साक्षरता मनुष्य की बुनियादी जरूरत है : प्रणब

साक्षरता मनुष्य की बुनियादी जरूरत है : प्रणब नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत का यह प्रयास होना चाहिए कि वह न केवल साक्षरता दर को वैश्विक स्तर तक ले जाए बल्कि इसे दुनिया के शीर्ष देशों के बराबर पहुंचाए। उन्होंने कहा कि साक्षरता मनुष्य की बुनियादी जरूरत है और शिक्षा का मूल भी।

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘समय आ गया है कि हम अपने साक्षरता दर को बेहतर बनाने के लिए समग्र एवं नये उत्साह के साथ प्रयास करें। 12वीं योजना के अंत तक 80 प्रतिशत सरक्षरता दर हासिल करने और लैंगिक अंतर को 16 प्रतिशत प्वायंट से घटाकर 10 प्रतिशत प्वायंट करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।’ प्रणब ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि वह न केवल साक्षरता दर को वैश्विक स्तर तक ले जाए बल्कि इसे दुनिया के शीर्ष देशों के बराबर तक पहुंचाए।’

राष्ट्रपति ने हालांकि 1951 में 18 प्रतिशत साक्षरता दर को चार गुणा बढ़ाकर 2011 में 74 प्रतिशत करने के अब के प्रयासों की सराहना की। हालांकि उन्होंने कहा कि साक्षरता में र्वतमान लैंगिक अंतर को दूर करने के लिए बालिकाओं और महिलाओं पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सार्वभौम साक्षरता को हासिल करने के लिए गरीबी उन्मूलन, लैंगिक असमानता दूर करना, स्कूलों तक पहुंच को बेहतर बनाने की दिशा में समग्र प्रयास किये जाने की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाक और ग्राम पंचायत जैसे सभी स्तरों पर प्रयास किये जाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में कार्यक्रमों को लागू करने के लिए ढांचा तैयार किया जाना चाहहए जिसमें सरकार एजेंसियों को शामिल किया जाना चाहिए साथ ही प्रतिष्ठित संगठनों, गैर सरकारी संस्थाओं और निजी क्षेत्रों का भी सहयोग लेना चाहिए।’

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि इस वर्ष भारत में मनाये जा रहे अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस में विशेष ध्यान साक्षरता, शांति और विकास पर है। उन्होंने कहा कि लेकिन विकास की प्रक्रिया में इन तीनों के बीच संबंधों को उतनी तवज्जो नहीं मिली है जितनी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश और बाहर अधिकांश संषघरें का कारण जागरूकता की कमी और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश की गई सूचना है। अशिक्षित और कम जानकारी वाले मस्तिष्क को प्रभावित करना और उनके दिमाग में गलत धारणा बैठाना आसान है।’ प्रणब ने कहा कि शिक्षित मस्तिष्क शांति और विकास में योगदान करता है।

मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू ने कहा कि साक्षर भारत योजना के तहत हमारा लक्ष्य 2017 तक 15 से 35 आयु वर्ग की महिलाओं में शत प्रतिशत साक्षरता हासिल करना है। उन्होंने कहा कि महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनताति, अल्पसंख्यकों आदि में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए दोहरी ताकत से प्रयास करने की जरूरत है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 8, 2013, 18:45

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