Last Updated: Tuesday, December 13, 2011, 10:21
नई दिल्ली : सरकार ने कहा है कि मनरेगा सहित 88,000 करोड़ रुपए के सभी ग्रामीण विकास कार्यक्रमों की जांच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा जांच कराई जाएगी।
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मोहन सिंह के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘यह ऑडिट 12 राज्यों में होगा और कुछ राज्यों में विशेष महालेखा परीक्षक की नियुक्ति की जाएगी।’ मोहन सिंह ने जानना चाहा था कि क्या केंद्र के पास राज्यों में ग्रामीण विकास कार्यक्रमों की राशि के दुरुपयोग की जांच करने की कोई व्यवस्था है।
रमेश ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को राज्य के सात जिलों में राशि का दुरूपयोग होने के बारे में पत्र लिखा है। इस पर बसपा सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनजर संपग्र सरकार राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है।
रमेश ने कहा कि मनरेगा योजना के लिए दी जाने वाली राशि के दुरुपयोग की शिकायतें मिलने के बाद केंद्र के पास राशि रोकने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है, लेकिन वह इसके पक्ष में नहीं हैं। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि राशि के दुरूपयोग की सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी है और इसके लिए राज्य सरकार सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि तीसरा विकल्प कैग से ऑडिट कराने का है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 13, 2011, 15:51