Last Updated: Friday, August 16, 2013, 00:12

नई दिल्ली : सीबीआई ने दावा किया है कि इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपियों को बचाने के उपायों पर गुजरात सरकार के अधिकारियों के बीच कथित बातचीत वाला टेप सही मालूम पड़ता है।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि गुजरात पुलिस के आरोपी अधिकारियों में से एक द्वारा प्रदान किया गया टेप असंपादित है और प्रथम दृष्टया सही लगता है। उन्होंने कहा कि इस बात को समझने के लिए टेप में जिन लोगों की आवाज बताई जा रही है वह उन्हीं लोगों की है, अदालत के हस्तक्षेप करने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने बताया कि बातचीत में जो लोग हैं, वे कथित तौर पर गुजरात सरकार के अधिकारी हैं, जिनकी कुछ प्रत्यक्षदर्शियों और आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पहचान की है। उन्होंने कहा कि टेप में मौजूद आवाजों की तुलना संदिग्ध प्रतिभागियों की आवाज के नमूने से की जा सकती है। लेकिन आवाज के नमूने सिर्फ अदालत की अनुमति के बाद ही लिए जा सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों को आवाज के नमूने के लिए अनुरोध किया गया है, उनका सहमति देना अनिवार्य है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि ये टेप अदालत में कानूनन स्वीकार्य सबूत हैं। यह बातचीत ज्यादातर एसआईटी जांच और उसके बाद योजना से संबंधित है। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 16, 2013, 00:12