Last Updated: Tuesday, October 16, 2012, 13:17
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के बख्रास्त अध्यक्ष सुरेश कलमाडी की याचिका आज विचारार्थ स्वीकार कर ली। सुरेश कलमाडी ने अपनी इस याचिका में वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में शामिल होने से उन्हें रोकने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश की वैधानिकता को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की खंडपीठ ने कलमाडी को लंदन जाने से रोकने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने वाले वकील राहुल मेहरा से जवाब तलब किया है।
सुरेश कलमाडी के वकील के अनुसार इस याचिका में सिद्धांत रूप में यह दलील दी गयी है कि इस वरिष्ठ खेल प्रशासक को लंदन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में जाने से रोकने के उच्च न्यायालय के आदेश से संविधान में प्रदत्त उनके मौलिक अधिकार का हनन हुआ है।
याचिका में दलील दी गयी है कि जनहित याचिका के मामले में नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सीमित नहीं किया जा सकता। याचिका में यह भी कहा गया है कि चूंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की निचली अदालत में सुनवाई हो रही थी, इसलिए भी उनकी लंदन यात्रा को जनहित याचिका के जरिये चुनौती नहीं दी जा सकती थी। हालांकि केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 13 जुलाई को कलमाडी को 26 जुलाई से 13 अगस्त के बीच लंदन जाने की अनुमति दे दी थी ।
उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई को अपने आदेश में सुरेश कलमाडी को ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए 27 जुलाई तक लंदन जाने से रोक दिया था। लेकिन न्यायालय ने इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलीट्स फेडरेशन की बैठक में कलमाडी के हिस्सा लेने का मसला इस संस्था के विवेक पर छोड़ दिया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 16, 2012, 13:17