Last Updated: Wednesday, January 30, 2013, 21:20

नई दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि राज्यों को फिल्मों के प्रदर्शन के संबंध में सेंसर बोर्ड के फैसलों को लागू करना चाहिए लेकिन उन्होंने कमल हासन की विवादास्पद फिल्म ‘विश्वरूपम’ पर कोई टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि यह मामला अदालत में है।
तिवारी ने यहां कहा कि चूंकि उच्च न्यायालय ने एक बार फिर मामले को अपने संज्ञान में लिया है इसलिए इस पर टिप्पणी करना अनुचित होगा। हमें उच्च न्यायालय को समग्र रूप से मामले को देख लेने देना चाहिए और वह जो भी निष्कर्ष निकाले उसे उचित समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार जब फिल्म प्रमाणन बोर्ड किसी फैसले पर पहुंचता है तो राज्य सरकारों को इस फैसले को अमल में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने प्रकाश झा के मामले में इसी रुख को अपनाया था।
तिवारी ने कहा कि लेकिन चूंकि उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एक बार फिर मामले का संज्ञान लिया है इसलिए विश्वरूपम पर किसी तरह का बयान देने से बचना बेहतर होगा।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि फिल्म अभिनेता शाहरुख खान पहले ही अपने बयान के बारे में स्पष्टीकरण दे चुके हैं अैर आगे कुछ कहने की जरूरत नहीं लगती।
जब एक संवाददाता ने कहा कि पटना में अन्ना हजारे ने ‘जनतंत्र मोर्चा’ की घोषणा की है लेकिन उनके पहले के आंदोलनों से कम भीड़ आज दिखाई दी। इस पर तिवारी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सभी को अपने विचार जनता तक पहुंचाने का अधिकार है और यह लोगों पर है कि वह कितनी गंभीरता से इन्हें लें। अब अगर कम लोग आए हैं तो यह अपने आप में साफ है। इसमें कुछ कहने की जरूरत नहीं है।’’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 30, 2013, 21:20