सेना की धर्मनिरपेक्ष छवि बरकरार रहेगी: बिक्रम सिंह

सेना की धर्मनिरपेक्ष छवि बरकरार रहेगी: बिक्रम सिंह

सेना की धर्मनिरपेक्ष छवि बरकरार रहेगी: बिक्रम सिंह
नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी विवाद को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और सेना की धर्मनिरपेक्ष छवि बरकरार रखी जाएगी। सेना प्रमुख ने अतीत पीछे छोड़ने की भी बात कही। सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के पहले दिन साउथ ब्लॉक लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे इस बात का भरोसा देने दें कि किसी भी चीज को छिपाया नहीं जाएगा। जांच के लिए जो कुछ भी किए जाने की जरूरत होगी, उसे किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक सभी मामलों से निपटा जाएगा। सेना की कमान गुरुवार को जनरल वीके सिंह के हाथ से लेने वाले बिक्रम सिंह सेना में अनुशासन से जुड़े मामलों एवं कई तरह के आरोपों पर जवाब दे रहे थे।

बिक्रम सिंह गुरुवार तक कोलकाता स्थित पूर्वी सैन्य कमान के प्रमुख थे, जिनके मातहत दीमापुर स्थित सेना की तीसरी कोर काम करती थी। तीसरी कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग को हाल ही में एक मुठभेड़ को लेकर नोटिस मिली है। आरोप है कि तीसरी कोर की खुफिया इकाई ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर तीन लोगों को उठाया और एक फर्जी मुठभेड़ में उनकी हत्या कर दी।

वहीं, अपने सेवानिवृत्त जीवन के पहले दिन जनरल वीके सिंह ने कहा कि बिक्रम सिंह दिल से सेना का हित सोचते हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि वह सेना की भलाई के लिए काम करेंगे। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि बिक्रम सिंह सेना प्रमुख बन गए हैं। वह दिल से सेना के हित के बारे में सोचते हैं और मुझे भरोसा है कि वह इसी भावना से सेना की भलाई के लिए काम करेंगे।

बिक्रम सिंह दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी सेना का प्रतिष्ठित पद सम्भालने वाले 27वें सेना प्रमुख हैं तथा 25वें भारतीय हैं। यह पूछे जाने पर कि पिछले 10 महीनों के दौरान असैन्य-सैन्य सम्बंधों में आए तनाव को दूर करने के लिए क्या प्रयास किए जाएंगे, उन्होंने कहा कि हम अपना सर्वोत्तम प्रयास करेंगे। हम एक धर्मनिरपेक्ष बल बने रहेंगे, हम एक गैरराजनीतिक बल बने रहेंगे और हमें अपना काम उसी तरह करने दें, जिस तरह उसे किया जाना है।

सेना के अंदर और असैन्य नेतृत्व के साथ उसके सम्बंधों में आई कटुता पर सिंह ने कहा कि मेरा इरादा अतीत को पीछे छोड़ने का है। यदि आपको सेना को आगे ले जाना है तो सामने के शीशे से देखकर गाड़ी चलाइए, पीछे के दृश्य देखने वाले आईने को देखकर नहीं। जनरल वीके सिंह से कार्यभार ग्रहण करने वाले बिक्रम सिंह ने कहा कि 11.30 लाख सैनिकों वाली इस सेना की सभी इकाइयां और इसके कमांडर इस संगठन की आंतरिक सेहत सुधारने के लिए काम करते हैं और यह प्रयास लगातार जारी रहेगा।

सेना प्रमुख ने कहा कि मैं आपको आश्वस्त कर दूं कि कुछ भी नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। इसकी जांच होगी और मैं आपको आश्वस्त करता हू कि हम इसे उचित निष्कर्ष तक ले जाएंगे। बिक्रम सिंह, सेना प्रमुख का पद सम्भालने वाले सिख समुदाय के दूसरे व्यक्ति हैं। उन्हें कई कठिनाइयों से उबरना है। इसमें एक कानूनी जंग भी शामिल है, जिसके कारण उन्हें सेना प्रमुख का पद सम्भालने से रोकने की कोशिश भी हुई थी। बिक्रम सिंह, संयुक्त राष्ट्र कांगो मिशन के डिप्टी कमांडर थे, जब संयुक्त राष्ट्र के निगरानी दल ने भारतीय बलों पर स्थानीय महिलाओं के यौन शोषण में लिप्त होने का संकेत दिया था। (एजेंसी)

First Published: Friday, June 1, 2012, 21:40

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