Last Updated: Tuesday, September 4, 2012, 17:16

नई दिल्ली: चीन में नेतृत्व परिवर्तन में मुश्किल से चंद सप्ताह ही रह गए हैं, ऐसे में नई दिल्ली और बीजिंग ने चार वर्षो के अंतराल बाद संयुक्त सैन्य अभ्यास फिर से शुरू करने और संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में विश्वास बहाली के उपायों को बढ़ावा देने का मंगलवार को निर्णय लिया है।
रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने चीनी रक्षा मंत्री जनरल लियांग गुआंगली के साथ शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा, "हमने (सैन्य अभ्यास फिर से शुरू करने का) निर्णय लिया है।" गुआंगली चार दिनों की भारत यात्रा पर हैं। पिछले आठ वर्षो में किसी चीनी रक्षा मंत्री का यह पहला भारत दौरा है।
दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 2007 में शुरू हुआ था, लेकिन वीजा मुद्दों को लेकर पैदा हुए कुछ कूटनीतिक विवादों के बाद 2010 में इस पर विराम लग गया था। एशियाई गोलार्ध में प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखी जाने वाली एशिया की इन दोनों शक्तियों ने अपना पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास 2007 में चीन के कुनमिंग में आयोजित किया था। उसके बाद 2008 में भारत के बेलगाम में दोनों देशों ने संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था।
भारत ने उस समय चीन के साथ सभी द्विपक्षीय रक्षा सम्बंध स्थगित कर दिए थे, जब बीजिंग ने उत्तरी कमान के तत्कालीन सैन्य कमान अधिकारी, लेफ्टिनेंट जनरल बी.एस. जसवाल को इस आधार पर वीजा देने से इंकार कर दिया कि वह जम्मू एवं कश्मीर में तैनात थे।
दोनों देशों के बीच इस वर्ष के प्रारम्भ में सैन्य सम्बंध उस समय फिर से शुरू हुए, जब दोनों पक्षों ने व्यापक रणनीतिक विश्वास बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
दोनों रक्षा मंत्रियों ने व्यापक विश्वास निर्माण के उपायों और अपनी सेनाओं के बीच संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में समन्वयन पर जोर दिया, जहां चीन ने अपने सीमांत इलाकों में विशाल अधोसंरचना खड़ी कर रखी है।
जनरल लियांग ने एक अनुवादक के जरिए संवाददाताओं से कहा, "हम रणनीतिक मुद्दों और मित्रवत सम्बंधों में सहयोग के लिए महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे हैं, जिसमें हमारे सशस्त्र बलों के बीच सहयोग भी शामिल है।"
लियांग ने कहा कि दोनों पक्ष अपनी सेनाओं के बीच आदान-प्रदान पर भी सहमत हुए हैं, जिसमें उच्चस्तरीय दौरे भी शामिल हैं।
बातचीत के दौरान क्षेत्रीय भूराजनीतिक गति में बदलाव पर भी चर्चा हुई। एंटनी ने कहा, "हमने दक्षिण एशिया, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हालात के बारे में व्यापक चर्चा की और हमने ढेर सारे मुद्दों पर चर्चा की है। हमारे बीच सभी मुद्दों पर बहुत ही स्पष्ट और दिली बातचीत हुई है.. सीमावर्ती इलाकों पर भी।" (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 4, 2012, 12:48