सोनिया ने PM को लिखी चिट्ठी, दुर्गा पर अनुचित कार्रवाई न हो| Durga Shakti Nagpal

सोनिया ने PM को लिखी चिट्ठी, दुर्गा पर अनुचित कार्रवाई न हो

सोनिया ने PM को लिखी चिट्ठी, दुर्गा पर अनुचित कार्रवाई न होज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के करीब एक सप्ताह बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। सोनिया ने पत्र में लिखा है कि चूंकि मसला राज्य सरकार और एक आईएएस अधिकारी के बीच का है फिर भी केंद्र को यह देखना चाहिए कि वह इस मसले को कैसे निपट सकता है। सोनिया की चिट्ठी पर मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की ओर से कड़ा प्रत्युत्तर दिया गया। भाजपा ने भी इस पत्र को महज खानापूर्ति बताया है।

सोनिया ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि इस बात को लेकर व्यापक स्तर पर चिंता है क्योंकि निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल लोकसेवा के अपने कर्तव्य के पालन के दौरान, अवैध गतिविधियों में लिप्त निहित स्वार्थी तत्वों के खिलाफ खड़ी हुई थी। सोनिया ने कहा कि ऐसा बताया गया है कि नागपाल को बिना ठोस कारणों के जल्दबाजी में निलंबित किया गया है। सोनिया ने कहा, ‘हमें यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारी के साथ कोई अनुचित व्यवहार न हो।’ नागपाल उत्तर प्रदेश में खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चा में थी।

इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘सोनिया गांधी को दो और पत्र लिखने चाहिए। एक हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के बारे में जिन्हें मुख्यमंत्री ने निलंबित किया था और दूसरा राजस्थान के मुख्यमंत्री को दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित करने के लिए। दोनों मामलों में, राबर्ट वाड्रा का नाम आया था। ये मामले भूमि सौदों के बारे में थे।’ राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के अध्यक्ष के रूप में लिखे अपने पत्र में सोनिया ने प्रधानमंत्री से मौजूदा मामले से प्रकाश में आए मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा है कि क्या सरकारी कर्मचारियों को अपने कर्तव्य को अंजाम देने के दौरान उनके संरक्षण के लिए कुछ और उपाय किए जाने की जरूरत है ?

2010 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी 28 वर्षीय नागपाल को गौतम बुद्ध नगर के एसडीएम के पद से 27 जुलाई को एक मस्जिद की दीवार गिराने का कथित रूप से आदेश देने के लिए इस आधार पर निलंबित कर दिया गया था कि इससे सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता था। पिछले साल अगस्त में नागपाल के कैडर को पंजाब से बदल कर उत्तर प्रदेश किया गया था। उन्हें लखनऊ में राजस्व बोर्ड से संबद्ध किया गया है।

भाजपा ने सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र को केवल समय की बर्बादी बताते हुए कहा है कि कांग्रेस और सपा दोनों मिली हुई हैं। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘सपा उत्तर प्रदेश में राज कर रही है और पार्टी केंद्र की संप्रग सरकार को समर्थन दे रही है। प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर, सोनिया गांधी महज औपचारिकता निभा रही हैं क्योंकि वह सपा के समर्थन से देश का शासन चला रही हैं और उन्हें खाद्य सुरक्षा विधेयक मुद्दे पर भी सपा के समर्थन की जरूरत है।’

इससे पहले आज दिन में लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने नागपाल के बारे में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री से जब पूछा गया कि क्या सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान यह मुद्दा उठेगा तो कमलनाथ ने इसका ना में जवाब दिया और कहा ‘यह राज्य का मामला है।'

First Published: Saturday, August 3, 2013, 18:24

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