Last Updated: Saturday, October 29, 2011, 18:48
नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक लाये जाने के बारे में सरकार की तैयारियों के बीच संप्रग के संकट मोचक प्रणव मुखर्जी ने उपायों की समीक्षा के लिए संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि करीब एक घंटे तक चली बैठक में समिति के सदस्य कांग्रेस सांसद भी मौजूद थे। यह बैठक टीम अन्ना की आज हुई महत्वपूर्ण बैठक से पहले हुई।
टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक में सरकार से जनलोकपाल विधेयक को पारित करवाने को कहा गया है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने अगले साल के शुरू में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का विरोध करने की चेतावनी दी है। माना जाता है कि सिंघवी और मुखर्जी के बीच हुई बैठक में भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे एस वर्मा और एम एन वेंकटचलैया द्वारा लोकपाल विधेयक के ताजा संस्करण पर भी विचार विमर्श किया गया। इस संस्करण में लोकपाल को संवैधानिक अधिकार देने की बात कही गयी है।
सूत्रों ने बताया कि संसदीय समिति लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने के विभिन्न पक्षों पर विचार कर रही है क्योंकि इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है और उसको पारित करने के लिए दो तिहाई बहुमत कराने की जरूरत थी।
संसद में गंभीर चर्चा जरूरी : थरूरबेंगलुरु : पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने टीम अन्ना के जनलोकपाल विधेयक पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा कि प्रस्तावित विधेयक के संसद में आने पर उस पर गंभीर चर्चा की जरूरत है। थरूर ने यहां एक समारोह के इतर कहा, ‘वर्तमान समय में उनका (टीम अन्ना) मसौदा एक अतिमहत्वपूर्ण संस्थान जैसा लगता है जो अपने आप में एक कानून है। जांच करने का अधिकार, मुकदमा चलाने और सजा देने जैसे सभी अधिकार एक व्यक्ति में ही निहित हैं।’ उन्होंने हालांकि भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक जागृति के लिए अन्ना हजारे की प्रशंसा की।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 30, 2011, 00:18