Last Updated: Friday, February 24, 2012, 17:23
नई दिल्ली : सरकार की हज नीति न्यायिक जांच के दायरे में आ गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह उसकी ओर से दी सब्सिडी और राज्य समितियों को सीटों के आवंटन के लिए अपनाए गए मानदंड का विवरण दे।
न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने केंद्र से हज सब्सिडी के संबंध में समूचा विवरण केंद्र को देने को कहा। इसमें पूछा गया कि कैसे इसका फैसला किया जाता है और कब से सब्सिडी शुरू हुई। पीठ ने सरकार से विगत 10 वर्षों से प्रधानमंत्री के सद्भावना प्रतिनिधिमंडल का ब्योरा प्रदान करने और प्रतिनिधिमंडल में जो लोग गए उनका ब्योरा प्रदान करने को कहा। उसने निर्देश दिया कि प्रतिनिधिमंडल का समूचे इतिहास के साथ-साथ कितनी सीटें और संख्या में वृद्धि के साथ-साथ किस उद्देश्य के लिए इसे प्रदान किया गया इसे भी दिया जाना चाहिए। साथ ही यह भी बताने को कहा गया कि कैसे सद्भावना कोटा के लिए भेजे जाने वाले लोगों का चयन किया जाता है।
सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती और उनके वकील हैरिस बेरान ने अदालत द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने पर सहमति जताई और उसके लिए समय मांगा। शीर्ष अदालत केंद्र की ओर से दायर उस अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें बंबई हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 24, 2012, 22:53