आंध्र विधानसभा में सीएम-विपक्ष में तकरार - Zee News हिंदी

आंध्र विधानसभा में सीएम-विपक्ष में तकरार

हैदराबाद: आंध्रप्रदेश विधानसभा में सोमवारको  अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी और विपक्ष के नेता एन चंद्रबाबू नायडू के बीच उस समय तीखी बहस हो गई जब तेदेपा प्रमुख ने कहा कि जनता में सरकार एक बड़ा मजाक बन गई है।

 

तेदेपा द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नायडू ने शुरू की और हर मोर्चे पर कांग्रेस सरकार की असफलताओं को गिनाना शुरू किया।

 

नायडू ने कहा ‘हमारा अविश्वास प्रस्ताव न केवल मुख्यमंत्री के, बल्कि मंत्रियों के भी खिलाफ है। यह सरकार शासन करने के लिए हमारा विश्वास खो चुकी है।’

 

इस पर कुमार ने कहा ‘हमें चंद्रबाबू के विश्वास की जरूरत नहीं है। हमारे पास जनता का विश्वास है और इसीलिए हम सत्ता में हैं।’ विपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री का नाम लिया और उनके प्रशासन को लेकर कुछ टिप्पणियां की। इस पर रेड्डी उठे और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा ‘‘हम अभी हिसाब बराबर कर लें।’

 

नायडू ने भी इस पर यही प्रतिक्रिया दी।उन्होंने कहा ‘आप एक नामित मुख्यमंत्री हैं। सोनिया के पैरों पर गिरने से आपको यह पद मिला है। आप एक सीलबंद लिफाफा हैं मुख्यमंत्री और आपका नेतृत्व रीढ़हीन है।’

 

विपक्ष के नेता ने कहा ‘मुख्यमंत्री के तौर पर आप पुलिस की सुरक्षा के बिना जनता के बीच नहीं जा पाते। आपकी सरकार जनता के बीच एक बड़ा मजाक बन गई है।’

 

तेदेपा नेता ने वर्ष 2004 से राज्य में चल रहे कांग्रेस शासन के दौरान हुए विभिन्न कथित घोटालों का संदर्भ दिया। इस पर रेड्डी की प्रतिक्रिया थी ‘आपके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। आपको भ्रष्टाचार के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है।

 

 

नायडू ने गृह मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी के खिलाफ भी टिप्पणियां कीं जिसके बाद उनके और सबिता के बीच भी बहस हो गई। सबिता ने कहा ‘अगर आपके पास मेरे या मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ कोई विशेष आरोप हैं तो उन्हें लिखित रूप में सरकार को दें ताकि उनकी जांच की जा सके। आरोपों को सही साबित करना आपकी जिम्मेदारी है।’

 

यह तकरार खत्म होने के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों ने खड़े हो कर पोलावरम कृषि परियोजना की निविदाओं के मुद्दे पर अपनी पार्टी का संदर्भ दिए जाने का विरोध किया। नायडू ने आरोप लगाया था ‘पोलावरम टेंडरों में हेराफेरी और फाइलों से छेड़छाड़ की गई। एक अयोग्य कंपनी को परियोजना का ठेका देने के लिए कांग्रेस और टीआरएस में मिलीभगत थी। मैं सरकार से सभी संबंधित फाइलों को सदन में पेश किए जाने की मांग करता हूं।’

 

टीआरएस सदस्यों ने इस पर आपत्ति और विरोध जताया। सदन में टीआरएस के नेता ई राजेंद्र ने सरकार से पोलावरम टेंडर मुद्दे पर सीबीआई जांच के लिए आदेश देने की मांग की। उन्होंने कहा ‘तेदेपा को चाहिए कि वह आरोपों को साबित करे।’

 

विधानसभा अध्यक्ष नदेन्दला मनोहन ने इससे इंकार करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता को अपनी बात जारी रखने की अनुमति दी जाएगी।

 

तेदेपा सदस्यों के आसन के समक्ष आने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 6, 2011, 10:11

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