Last Updated: Thursday, September 5, 2013, 21:41
जोधपुर : अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित ने आज कहा कि प्रवचन करने वाले आसाराम से जुड़ा यौन शोषण मामला त्वरित अदालत में सुनवाई के लिए उपयुक्त है। पुरोहित ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आसाराम के एक सहयोगी शिवा या शिल्पी को सरकारी गवाह बनाने पर भी विचार कर सकता है।
आसाराम का सहयोगी शिवा पुलिस हिरासत में है जबकि छिंदवाड़ा गुरुकुल की वार्डन शिल्पी अब भी फरार है। जोधपुर पुलिस ने कहा कि उन्होंने इस मामले का शिवा और शिल्पा से मजबूत संबंध स्थापित कर लिया है। डीसीपी अजय पाल लांबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘शिल्पी जांच में महत्वपूर्ण कड़ी है। शिवा शिल्पी और आसाराम के बीच मध्यस्थ था।’
डीसीपी ने कहा कि शिल्पी ने ही लड़की को आसाराम के पास यह कहकर भेजने की योजना बनाई थी कि वह बुरी आत्माओं के साये में है और केवल आसाराम उसे बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिल्पी लड़की के माता पिता के नियमित संपर्क में थी ताकि उन्हें उनकी बेटी को जोधपुर या अहमदाबाद के आश्रम में भेजने के बारे में राजी किया जा सके।
शिल्पी, शिवा और लड़की के माता पिता के बीच 13 से 15 अगस्त तक दर्जनों बार फोन पर बात हुई। 15 अगस्त को ही 16 साल की लड़की का मानई आश्रम में कथित रूप से यौन शोषण हुआ था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपने दावे के समर्थन में अदालत को काल डेटा रिकार्ड सौंपे हैं।
इस बीच, तीन दिन की पुलिस हिरासत में मौजूद शिवा ने आसाराम के खिलाफ सभी आरोपों से इंकार किया और कहा कि लड़की का यौन शोषण नहीं हुआ। यह कांग्रेस द्वारा आसाराम को बदनाम करने की साजिश है। इस मामले में कथित सीडी के संदर्भ में शिवा ने कहा कि जैसा पुलिस बता रही है, वैसी कोई सीडी नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 5, 2013, 21:41