Last Updated: Monday, June 10, 2013, 20:37

अहमदाबाद : विशेष सीबीआई अदालत ने निलंबित आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा को इशरत जहां मुठभेड़ मामले में 24 जून तक न्यायिक हिरासत में सोमवार को भेज दिया।
सीबीआई ने वंजारा को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एस एच खुतवाड की विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया। विशेष अदालत ने उन्हें सोमवार तक पुलिस हिरासत में भेजा था। सीबीआई ने अदालत से वंजारा को न्यायिक हिरासत में भेजने और वंजारा को मुंबई की अदालत को सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में मुकदमा के लिए सौंपने को कहा। सीबीआई ने वंजारा का और रिमांड नहीं मांगा।
सीबीआई ने अपने आवेदन में कहा कि जहां तक इस आरोपी का सवाल है तो हमने अपनी जांच पूरी कर ली है और अब उनके विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में मुकदमा के लिए उपस्थित होना है। यह अदालत सीआरपीसी की धारा 267 के प्रावधानों के तहत उनके स्थानांतरण की अनुमति दे सकती है।
इसका वंजारा के वकील वी डी गज्जर ने विरोध किया। उन्होंने दावा किया कि विशेष सीबीआई अदालत मुंबई के तीन जून के आदेश के अनुसार वंजारा को मामले में जांच पूरी होने तक गुजरात में रहना है। एसीजेएम ने मुंबई की अदालत के आदेश का अध्ययन करने के बाद आरोपी को स्थानांतरित करने के सीबीआई के अनुरोध को मंजूर करने से इंकार कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
मुंब्रा (मुंबई के निकट) की लड़की इशरत जहां के साथ जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, दो कथित पाकिस्तानी नागरिक जीशान जौहर और अमजद अली राणा शहर के बाहरी हिस्से में 15 जून 2004 को मुठभेड़ में मारे गए थे। वंजारा अपराध शाखा, अहमदाबाद की उस टीम का नेतृत्व कर रहे थे, जो चारों के मुठभेड़ में शामिल था। गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि ये चारों राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश का हिस्सा थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 10, 2013, 20:37