उत्‍तराखंड त्रासदी: राहत व बचाव अभियानों में फिर आई तेजी, तीन हजार लोग अब भी लापता

उत्‍तराखंड त्रासदी: राहत व बचाव अभियानों में फिर आई तेजी, तीन हजार लोग अब भी लापता

उत्‍तराखंड त्रासदी: राहत व बचाव अभियानों में फिर आई तेजी, तीन हजार लोग अब भी लापताज़ी मीडिया ब्‍यूरो/एजेंसी

देहरादून : उत्तराखंड के मौसम में सुधार के साथ ही बाढ़ पीड़ितों के बचाव कार्यों में शुक्रवार को तेजी आ गई। राज्य में विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए 17 हेलीकॉप्टर बचाव अभियान में लगे हैं। वहीं, महामारी फैलने का खतरा कम करने के लिए बहुत तेजी से कार्य किया जा रहा है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित केदारनाथ में शवों के सामूहिक अंतिम संस्कार का कार्य जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि मौसम साफ होते ही हेलीकॉप्टर राज्य के विभिन्न स्थानों में फंसे 1237 लोगों को बचाने के लिए सुबह से ही जुट गए हैं। हर्षिल सेक्टर में अब कोई तीर्थयात्री नहीं है। करीब 3000 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनका ध्यान अब बद्रीनाथ धाम इलाके पर है जहां गए अधिकतर तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।

उधर, उत्तराखंड में मंगलवार को हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद होने वाले 20 बहादुर जवानों को आज गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। देहरादून में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और सेना प्रमुख बिक्रम सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना के पांच, राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के नौ और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छह जवान सम्मानित किए गए।

शिंदे ने कहा कि 20 बहादुरों को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित करना राष्ट्र की सेवा के लिए उनके महान बलिदान को याद करने का हमारी ओर से एक छोटा सा कदम है। हम उन सभी के लिए प्रार्थना करते हैं जिन्होंने अपना जीवन गंवा दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं और उनके शव मलबे और कीचड़ में दबे होने की आशंका है। अब हमारा ध्यान उन्हें ढूंढने की ओर केंद्रित है। गृह मंत्री ने कहा कि बीमार, वृद्ध और विकलांग लोगों के अलावा महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर बाहर निकाला जाएगा। इनमें से अधिकतर लोग बद्रीनाथ इलाके में फंसे हुए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर बचाव कार्य के लिए अभी 15 और दिनों तक राज्य में रहेंगे।

उधर, अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ-बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड और उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्गों को छोड़कर सभी मुख्य मार्गों को पुन: खोल दिया गया है, जिससे लोगों को तेजी से बाहर निकालने की उम्मीद बढ़ी है। थल सेना प्रमुख बिक्रम सिंह राहत कार्यों की समीक्षा करने और गौरीकुंड के निकट मंगलवार को हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण शहीद हुए 20 जवानों को आज गौचर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार राज्य के विभिन्न हिस्सों में 1237 लोग अब भी फंसे हुए है। अब तक 1,04,687 लोगों को सड़क एवं हवाई मार्ग के जरिए विभिन्न स्थानों से बाहर निकाल लिया गया है। केदारनाथ घाटी में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार का कार्य जारी है। अब तक 34 शवों की पहचान करने और डीएनए संरक्षित करने जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी जि़ला मजिस्ट्रटों ने पीड़ित लोगों को आवश्यक राहत सामग्री वितरित करना आरंभ कर दिया है। इसके साथ ही उनके लिए मिट्टी का तेल और एलपीजी सिलेंडर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी कोशिश की जा रही है। उन्होंेने बताया कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है और बहाली का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि पीड़ित लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए निशुल्क परिवहन सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसके लिए देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और कठगोदाम में विशेष काउंटर बनाए गए हैं।

First Published: Friday, June 28, 2013, 18:05

comments powered by Disqus