Last Updated: Tuesday, June 26, 2012, 23:02

जालंधर/अमृतसर: पाकिस्तान में बम धमाके के गलत आरोप में फांसी की सजा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत की सजा माफ किये जाने के बाद सिंह की बेटी का कहना है कि भगवान की कृपा और मीडिया और दोनों मुल्कों के लोगों तथा सरकारों के सार्थक प्रयास का ही यह नतीजा है कि उसके पिता अब घर आ रहे हैं और उस काली रात के बाद उनके घर में आज सूर्योदय हुआ है।
इस खबर से सरबजीत के गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है । सभी के चेहरों पर मुस्कान है ।पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा आज सरबजीत सिंह की मौत की सजा को माफ किये जाने के घोषणा के बाद सरबजीत की बेटी स्वपनदीप ने बातचीत में कहा, ‘हम सब खुश हैं। मेरे पास शब्द नहीं है । हम बुआजी (दलवीर कौर, सरबजीत की बहन) के साथ कल (बुधवार को जालंधर से अमृतसर के लिए रवाना होंगे।’
स्वपनदीप ने कहा, ‘पिछले बीस साल में यह पहला मौका है जब हम सब भगवान की कृपा से एक साथ खुशियां मना रहे हैं। पापा के वकील ओवैस शेख ने सबसे पहले बुआजी को बताया । इसके बाद बुआजी ने मुझे फोन किया और फिर मैने तत्काल अपनी मां को इसकी सूचना दी। मां को सबसे पहले मैने ही सूचना दी ।’
उन्होंने भर्राये गले से कहा, ‘‘मां को जब से जानकारी मिली है, भगवन के तस्वीर के सामाने बैठी है । वह बोल ही नहीं पा रही हैं। इस दिन के लिए हमने काफी लंबा इंतजार किया है। न केवल उनके लिए बल्कि हम सबके लिए उस काली रात के बाद सही मायने में आज सूर्योदय हुआ है ।’
स्वप्न ने कहा, ‘पिछले बीस साल में पापा से मेरी सिर्फ एक बार मुलाकात हुई है । आज रात को मैं सो पाउंगी या नहीं मुझे नहीं पता। अब उनके आने का इंतजार है। यह इंतजार अब और नहीं हो सकता। मैं तो चाहती हूं कि कल की बजाए वह जल्दी से जल्दी अभी आ जायें।’
सरबजीत की बेटी ने कहा, ‘‘मैने मां से कहा कि वह जालंधर आ जाए । इस पर मां ने कहा कि हम सब मिल कर उनको लेने तो अमृतसर ही जाएंगे। इसलिए तुम यहां आ जाओ। फिर सब साथ में चलेंगे और तुम्हारे पापा को लेकर घर आएंगे।’
उन्होंने भावुक होते हुए रुक रुक कर कहा, ‘मैं केवल ढाई साल की थी जब पापा उस रात को गलती से पाकिस्तान की ओर चले गए थे। उस समय मेरी बहन केवल 23 दिन की थी । उस काली रात के बारे में जितना सुना है उसे मैं ताउम्र कभी नहीं भूल सकती।’
स्वप्नदीप ने बताया, ‘रात को वह अन्य लोगों के साथ खेत पर गए थे। उन्होंने उस रात थोडी शराब पी ली थी। जब रात अधिक हो गयी तो उन्हें लोगों ने घर जाने के लिए कहा। वह उठे और जिधर उनका मुंह था उधर ही चलने लगे और नशे में सीमा पार कर गए क्योंकि तीन चार किलोमीटर की दूरी पर ही पाक से लगती सीमा स्थित है।’ उन्होंने बताया कि इस बीच पाक पुलिस ने उन्हें पकड लिया और मनजीत सिंह बता कर जेल में बंद कर दिया और वहां की अदालत ने भी उन्हें मनजीत मान कर फांसी की सजा दे दी थी । इसके साथ ही स्वपनदीप ने कहा, ‘इसके लिए सभी भारतवासी को मैं बधाई देती हूं।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 26, 2012, 23:02