Last Updated: Thursday, January 17, 2013, 19:04
संभलपुर : ओड़िशा में एक फास्ट ट्रैक अदालत ने तीन साल की एक छोटी बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या करने वाले व्यक्ति को गुरुवार को मौत की सजा सुनाई। देश में इस सप्ताह किसी बलात्कारी और हत्यारे को कड़ी सजा सुनाए जाने का यह दूसरा मामला है।
16 दिसंबर को दिल्ली में सामूहिक बलात्कार कांड के बाद बलात्कार के मामलों के त्वरित निपटान की मांगों की पृष्ठभूमि में अदालत के अधिकारियों ने कहा कि न्यायाधीश को सुनवाई पूरी करने में चार महीने से भी कम का समय लगा। संभलपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) अशोक कुमार पांडा ने अपने फैसले में कहा कि बुधियापल्ली गांव के थिडू मुंडा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत बच्ची की हत्या करने के लिए फांसी पर लटका दिया जाए।
अदालत ने एक छोटी बच्ची के साथ बलात्कार करने के लिए अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (एफ) (2) के तहत आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई। मुंडा को 11 जनवरी को दोषी ठहराया गया था और सजा आज घोषित की गई। मुंडा चार अक्तूबर 2012 को खाने की चीज का लालच देकर आदिवासी बच्ची को ले गया और उसके बाद उसे अपनी हवस का शिकार बनाया तथा उसकी हत्या कर दी। सात दिन बाद उसका शव जंगल में पाया गया। मुंडा अपनी पत्नी से अलग रहता था। । बच्ची का शव मिलने के बाद उसे झरसूगुडा से गिरफ्तार कर लिया गया।
गौरतलब है कि दिल्ली के द्वारका में स्थापना के दस दिन बाद ही 15 दिसंबर को फास्ट ट्रैक अदालत ने एक 56 वर्षीय फार्म हाउस गार्ड को अप्रैल 2011 में एक तीन साल की बच्ची के साथ बलात्कार और बाद में उसकी हत्या करने के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 17, 2013, 19:04