Last Updated: Wednesday, February 8, 2012, 07:51
भुवनेश्वर: ओडिशा में नशे के लिए नशीली दवा पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर बुधवार को 30 हो गई। अब तक इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। राज्य सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। कटक व खोर्दा जिले में मंगलवार को नशा युक्त दवा लेने के बाद लोग बीमार पड़ गए थे, जिसका इस्तेमाल सर्दी-खांसी के इलाज व घावों की मरहम-पट्टी के लिए किया जाता है।
कटक के जिला अधिकारी एस. एन. गिरीश ने कहा कि मरने वालों में दवा विक्रेता भैधर भोई भी शामिल है। मंगलवार सुबह सबसे पहले उसी की मौत हुई।
अधिकारियों के मुताबिक, कई इलाकों से लोग सोमवार की रात कटक जिले के तुकुलियापाड़ा गांव में नशीली दवा खरीदने के लिए पहुंचे थे।
पुलिस ने इस सिलसिले में भुवनेश्वर में दो दवा कम्पनियों की फैक्ट्री पर छापेमारी की, जिन पर मामले के सरगना को दवा मुहैया कराने का आरोप है।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से तीन मामले के सरगना और पांच दवा कम्पनियों के रिश्तेदार हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि ओडिशा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग मामले की जांच करेगा।
आबकारी आयुक्त सुदर्शन नायक ने बताया कि शराब की लत के शिकार लोग विकल्प के तौर पर अल्कोहल की अधिक मात्रा युक्त दवाएं लेते हैं। दवा विक्रेता के तीन रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस मामले को लेकर महिला संगठनों और विपक्षी दलों ने राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन किए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 9, 2012, 12:55