Last Updated: Tuesday, April 24, 2012, 12:24
शिमला : तिब्बती धर्म प्रमुख और 17वें करमापा ओग्येन त्रिनले दोरजी को एक बड़ी राहत देते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को तय किया कि वह उनके खिलाफ आपराधिक मामला वापस ले लेगी। यह मामला करमापा के आश्रम से बरामद हुई बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा से संबंधित है।
करमापा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी)की धारा 120 बी के तहत आरोप तय किए गए थे। यह धारा साजिश से संबंधित है। नौ अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई थी। राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गृह और कानून विभागों की राय लेने के बाद अपराध दंड संहिता की धारा 321 (मामला वापस लेने से सम्बंधित) के तहत आरोप पत्र से उनका नाम हटाए जाने का निर्णय लिया गया है। अधिकारी ने कहा कि सरकार ने उना जिले के जिलाधिकारी के.आर. भारती को निर्देश दिया है कि निचली अदालत में सरकारी वकील के जरिए इस मामले को वापस ले लिया जाए।
सरकार के मंगलवार के निर्णय की करमापा कार्यालय ने प्रशंसा की है। करमापा के प्रशासनिक सचिव, गोनपो सेरिंग ने कहा कि शुरू से ही हमने भारतीय कानून प्रणाली में भरोसा जताया है। हम आश्वस्त थे कि सच्चाई सामने आएगी। 26 वर्षीय करमापा तिब्बती बौद्ध धर्म के चार पंथों में से एक, करमा कागयू स्कूल के धर्मगुरु है। वह निर्वासित दलाई लामा से 2000 में जुड़े थे। धर्मशाला स्थित करमापा कार्यालय ने मामला वापस लेने के आग्रह के साथ भारती को एक आवेदन भेजा था। आवेदन में कहा गया था कि करमापा इस मुद्रा विवाद में प्रत्यक्षरूप से शामिल नहीं थे। भारती ने इस अनुरोध को विचार के लिए गृह विभाग के पास भेज दिया था।
मामले से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार ने विचार किया है कि करमापा तिब्बतियों के एक प्रतिष्ठित धर्मगुरु हैं और उनपर साजिश का आरोप लगाने से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। अधिकारी ने कहा कि अब न्यायालय इस मामले पर फैसला करेगी। अदालत या तो मामला वापस लेने पर अपनी स्वीकृति दे देगी या वह इसे जारी रखेगी।
पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र सात दिसम्बर, 2011 को दाखिल किया था। पुलिस ने पिछले वर्ष 28 जनवरी को धर्मशाला के बाहरी हिस्से में स्थित ग्यूतो तांत्रिक युनिवर्सिटी एवं बौद्ध मठ से 26 देशों की मुद्राएं बरामद की थी। इसमें 120,197 चीनी युआन और 53 लाख रुपये की भारतीय मुद्रा भी शामिल थी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 24, 2012, 17:54