'कांग्रेस काल में ही सबसे ज्यादा पलायन' - Zee News हिंदी

'कांग्रेस काल में ही सबसे ज्यादा पलायन'






उन्नाव : मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को यहां कहा कि प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदलने का दावा करने वाली कांग्रेस और उसके युवराज को यह नहीं भूलना चाहिये कि प्रदेश में 40 वर्ष कांग्रेस का ही शासन रहा और इसी दौरान सबसे ज्यादा गरीब एवं बेरोजगार अन्य राज्यों में गये।

 

मायावती ने चुनावी सभाओं में कांग्रेस पर तीखें हमले करते हुये कहा कि प्रदेश के बाहर रोजी-रोटी के लिये गये लोगों को भिखारी कह कर बेइज्जत करने वाली पार्टी ने ही प्रदेश में सबसे ज्यादा शासन किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस अध्यक्ष की कलई सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में खुलकर सामने आ गयी है।

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी विपक्षी दल कांग्रेस बीजेपी एवं सपा के लोग समय समय पर एक होकर सरकार और पार्टी की छवि को खराब करने की कोशिश करते रहे हैं इन दलों ने सरकार पर भ्रष्टाचार और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को संरक्षण देने के झूठे आरोप लगाये, जबकि इन दलों को आरोप लगाने का ही अधिकार नहीं है।

 

उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने वाली कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की 31 माह पुरानी केन्द्र सरकार के कार्यकाल में 82 घोटाले अभी तक सामने आ चुके है।

 

 

मायावती ने कहा कि इन घोटालें में जिनमें लगभग 20 लाख करोड के घपले की सम्भावना है। साथ ही उन्होंने कहा कि कर्नाटक की बीजेपी की सरकार में लाखों करोड़ रूपए के खनन के घोटाले हुए है। यही नहीं उन्होंने सपा पर भी प्रहार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर बात करने वाली मेरी पूर्ववर्ती सपा सरकार में ही कई लाख करोड के खाद्यान्न घोटाले के साथ ही पुलिस भर्ती घोटाला सामने आ चुका है। उन्होंने कहा कि विदेशों में जमा कला धन वापस लाने के प्रति भाजपा व कांग्रेस पार्टी संवेदनशील नहीं है। इससे ऐसा लगता हैं कि यह पैसा इन दलों के लोगों ने भ्रष्टाचार से कमाकर जमा किया है।

 

उन्होने कहा कि सात वर्ष के केन्द्र के शासन में बीजेपी ने काले धन को वापस लाने की कोई पहल नही की और न ही कांग्रेस पार्टी के शासन में ही ऐसा कोई कदम उठाया गया है।

 

उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से अब इस मामले में उच्चतम न्यायालय को दखल देना पड़ रहा है। मायावती ने मीडिया को भी आड़े हाथों लेते हुये कहा कि कई चैनलों व अखबारों में प्रकाशित रायशुमारी पर ध्यान दिए बगैर अपना वोट डालकर पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने का काम करें।  (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 12, 2012, 20:54

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