Last Updated: Tuesday, February 12, 2013, 21:08
लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने 10 फरवरी की शाम महाकुम्भ मेले के दौरान इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हुयी भगदड़ में कई लोगों की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए एक जनहित याचिका पर केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किये हैं।
न्यायालय ने इस मामले में रेल मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी किया और कुम्भ मेला समन्वय समिति के अधिकारियों की उस दिन की गतिविधियों संबंधी ब्योरा सीलबंद लिफाफे में 20 फरवरी को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिये हैं।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और न्यायमूर्ति विनय कुमार माथुर की खंडपीठ ने आज गैर सरकारी संस्था ‘वी द पीपुल’ जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में 10 फरवरी को इलाहाबाद स्टेशन पर भगदड़ से हुए हादसे की न्यायिक जांच कराने का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है।
याचिकाकर्ता के वकील प्रिंस लेनिन ने कुम्भ मेला समन्वय समिति के दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों की कथित उपेक्षा और गैरजिम्मेदाराना रवैये के लिये उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
प्रिंस लेनिन ने न्यायालय से इस याचिका पर तत्काली सुनवायी का आग्रह किया। उनका आरोप है कि कुम्भ मेला समिति से सम्बन्धित अधिकारी और रेल प्रशासन अगर सजग होते तो 40 से अधिक लोगों को इस हादसे में जान नहीं गवानी पड़ती। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 12, 2013, 21:08