Last Updated: Sunday, December 18, 2011, 16:46
कोयंबटूर : एमडीएमके महासचिव वाइको ने कहा कि तमिलनाडु द्वारा केरल की नाकेबंदी ही पड़ोसी राज्य की सरकार एवं अन्य राजनीतिक दलों को मुल्लापेरियार बांध के मुद्दे पर काबू में करने का लिए एकमात्र हल है।
वाइको ने आरोप लगाया कि केंद्र के इस मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ने और केरल के पक्ष में चुप्पी साधने, उच्चतम न्यायालय द्वारा अस्पष्ट निर्देश देने से केरल के राजनीतिक दल वहां रह रहे तमिलों के प्रति हिंसा भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि केरल के राजनीतिक दल इस बांध को तोड़ने का प्रयास भी कर रहे हैं जिससे तमिलनाडु के पांच दक्षिणी जिले मरूस्थलीय जिले में तब्दील हो जाएंगे। एमडीएमके प्रमुख ने तमिलनाडु से केरल को जाने वाली 13 सड़कों को 21 दिसंबर को सांकेतिक रूप से एक दिन के लिए बंद करने की घोषणा की है।
वाइको ने कहा, ‘हमारा बिंदु स्पष्ट है। केरल को मुल्लापेरियार बांध को निरस्त करने और ध्वस्त करने के विचार को छोड़ देना चाहिए क्योंकि बांध बहुत मजबूत है। केरल सरकार को बिजली उत्पादन के बहाने इदुक्की में बांध बनाने के विचार को भी छोड़ देना चाहिए।’ उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम के इस बयान का स्वागत किया कि केरल के राजनीतिक दल उपचुनाव के कारण यह मुद्दा उठा रहे हैं। हालांकि चिदम्बरम ने अपना बयान वापस ले लिया है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, December 18, 2011, 22:16