Last Updated: Tuesday, April 30, 2013, 18:27
नई दिल्ली : सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किए जाने से नाराज एक व्यक्ति ने कड़कड़डूमा अदालत में मंगलवार को न्यायाधीश पर जूता फेंककर मारा। अदालत में आज फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया।
प्रदर्शनकारियों ने आज दोपहर अदालत परिसर में घुसने का प्रयास किया जिन्हें रोकने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। फैसला सुनाए जाने से पहले काफी संख्या में लोग अदालत परिसर के बाहर इकट्ठा हुए और अदालत में घुसने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
खतरे की आशंका के मद्देनजर काफी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था और इलाके की बैरीकेडिंग की गई थी लेकिन कुछ प्रदर्शनकारी परिसर में घुसने में सफल रहे। बहरहाल वे अदालत कक्ष में नहीं घुस पाए।
अदालत ने जैसे ही कांग्रेस नेता को बरी किया, क्षुब्ध प्रदर्शनकारियों ने कुमार के खिलाफ नारेबाजी की और परिसर में घुसने का प्रयास किया।
शिकायतकर्ता जगदीश कौर अदालत कक्ष में विरोधस्वरूप धरने पर बैठ गईं और कहा कि न्याय मिलने तक वह यहां से नहीं हटेंगी।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या के बाद भड़के दंगे में अपने बेटे एवं पति को गंवाने वाली एक पीड़िता ने कहा कि उनको ‘न्याय नहीं मिला।’ पीड़िता ने कहा, ‘हमें न्याय नहीं मिला। मेरा बेटा मारा गया, मेरे पति एवं उनके भाईयों को मार दिया गया। तीन दिनों तक आतंक पसरा रहा। लोगों को जिंदा जला दिया गया।’
फैसला सुनाए जाने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे. आर. आर्यन पर जूता फेंकने वाले शख्स सहित कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 30, 2013, 18:27