Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 18:34

मुंबई : भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दल शिवसेना ने आज कहा कि जिन्ना बयान विवाद के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने अपना ‘आधार खो’ दिया था और ऐसी ही स्थिति नितिन गडकरी की स्वामी विवेकानंद पर दिए बयान से उपजे विवाद के बाद हो गई है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में पार्टी प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा, ‘आडवाणी ने जिन्ना पर की गई टिप्पणी के बाद अपना आधार खो दिया और गडकरी को स्वामी विवेकानंद पर की गई टिप्पणी से उपजे विवाद के बाद झटका लगा है।’ आडवाणी ने 2005 में पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान मोहम्मद अली जिन्ना को ‘धर्मनिरपेक्ष’ कहा था और उससे भारत में पैदा हुए विवाद के बाद उन्हें भाजपा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
ठाकरे ने लिखा, ‘गडकरी भी संशय में होंगे कि स्वामी विवेकानंद और दाउद इब्राहिम के आईक्यू से जुड़ी टिप्पणी को लेकर आरएसएस उनका साथ देगा या नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘गडकरी ने सफाई दी कि उन्होंने विवेकानंद और दाउद की बराबरी नहीं की लेकिन उनकी पार्टी का एक भी नेता उनकी ओर से बोलता नहीं दिखा।’ संपादकीय में लिखा गया, ‘गडकरी की स्थिति उस कहावत जैसी हो गई है, सुख के सब साथी दुख में न कोई।’
ठाकरे ने महाराष्ट्र के कांग्रेस राकांपा सरकार से भूमि आवंटन में अवैध लाभ मिलने के आरोप में पिछले महीने गडकरी का बचाव किया था। राम जेठमलानी के गडकरी से इस्तीफा मांगने के मुद्दे पर ठाकरे ने कहा, ‘सभी कोई जेठमलानी की नरेंद्र मोदी से नजदीकी और मोदी, गडकरी के बीच के तनावपूर्ण संबंधों के बारे में जानता है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 17:52