चिटफंड घोटाले की जांच शुरू, सांसद के खिलाफ केस

चिटफंड घोटाले की जांच शुरू, सांसद के खिलाफ केस

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में हजारों करोड़ रुपये के शारदा ग्रुप चिटफंड घोटाले को लेकर उत्पन्न राजनीतिक एवं वित्तीय संकट के बीच पांच सदस्यीय आयोग ने शुक्रवार को इसकी औपचारिक जांच शुरू कर दी। छह माह में अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश श्यामल कुमार सेन हैं।

उधर, शारदा ग्रुप द्वारा संचालित समाचार चैनल के एक कर्मचारी ने तृणमूल सांसद कुणाल घोष के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराया है।

घोटाले में नाम उछलने के बाद असम के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री हिमंत विस्व सरमा ने कहा है कि वे शारदा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्त सेन को कानूनी नोटिस थमाने पर विचार कर रहे हैं। सेन ने सरमा पर धन ऐंठने का आरोप लगाया है। इस बीच घोटाले को लेकर शुक्रवार को भी राजनीति जारी रही। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि सबसे अहम काम गरीब निवेशकों का पता लगाना है। कांग्रेस ने ममता बनर्जी सरकार पर अपने लोगों को बचाने के लिए मामले पर लीपापोती करने का आरोप लगाया।

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) सेन ने कहा कि आयोग ने औपचारिक रूप से अपनी जांच शुरू कर दी है। आयोग में एक अर्थशास्त्री, एक पुलिस अधिकारी और एक प्रोफेसर समेत चार और सदस्य हैं। कई करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले में कथित रूप से राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता शामिल बताए जा रहे हैं।

शारदा ग्रुप द्वारा संचालित समाचार चैनल के एक कर्मचारी ने तृणमूल सांसद कुणाल घोष के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराया है। इस कदम से पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार के गिर्द चिटफंड कंपनी घोटाले का रहस्य और गहरा हो गया है। पार्क स्ट्रीट थाने में गुरुवार रात दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में ग्रुप की मीडिया शाखा के सीईओ घोष और वाइस प्रेसिडेंट सोमनाथ दत्त के अलावा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्त सेन व तीन अन्य को नामजद किया गया है। सभी पर वेतन भुगतान नहीं करने, भविष्य निधि का अंशदान और स्रोत पर आयकर कटौती जमा नहीं कराने का आरोप लगाया गया है।

तृणमूल कांग्रेस से राज्य सभा के सदस्य घोष ने कहा कि सीईओ के रूप में मैं केवल संपादकीय जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा था और मेरे पास कोई वित्तीय अधिकार नहीं था। मैं एक सामान्य वेतनभोगी कर्मचारी था। मैंने कभी कंपनी के वित्तीय मामलों से संबंधित कोई फैसला नहीं लिया। पैसे से संबंधित सभी मामले सेन के अधीन थे। उधर, असम के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री हिमंत विस्व सरमा ने गुवाहाटी में शारदा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्त सेन द्वारा सीबीआई को लिखे गए पत्र अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों का शुक्रवार को खंडन किया और कहा कि वे सेन को कानूनी नोटिस भेजने पर विचार कर रहे हैं। घोटाला सामने आने के बाद गिरफ्तार शारदा ग्रुप के प्रमुख सेन ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भेजे गए गए पत्र में सरमा पर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया है और कहा है कि मंत्री द्वारा उनके साथ 3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने कहा है कि मंत्री के कार्यकारियों ने भुगतान पर्चियों पर दस्तखत किए थे।

इस बीच शारदा ग्रुप चिटफंड घोटाले को लेकर उत्पन्न राजनीतिक एवं वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम.के. नारायणन ने शुक्रवार को कहा कि गरीब निवेशकों का पता लगाना जरूरी है। यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए नारायणन ने कहा कि कई जांच चल रही है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि क्या हम निवेशकों को थोड़ा रुपया भी वापस दिला सकते हैं? उधर कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर अपने लोगों को बचाने के लिए चिटफंड घोटाला मामले में घालमेल करने का आरोप लगाया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि मैं समझता हूं कि बंगाल सरकार अपने लोगों को बचाना चाहती है और इस मुद्दे को हल्का करने में जुटी है। मैं हतप्रभ हूं कि राज्य सरकार ने इस मामले में अभी तक ग्रुप के खिलाफ एक एफआईआर तक नहीं कराया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, April 26, 2013, 22:15

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