Last Updated: Thursday, July 18, 2013, 20:34

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत जीतने के बाद दो टूक कहा कि वह गठबंधन की मजबूरियों के लिए ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे राज्य की जनता आहत हो अलबत्ता ऐसी स्थिति में वह इस्तीफा देना पसंद करेंगे।
सोरेन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैं राज्य की जनता के हितों से कोई समझौता नहीं करूंगा। ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे राज्य की जनता आहत हो।’ उन्होंने कहा, ‘कभी ऐसी स्थिति आने पर मैं जनता के हितों से समझौते की बजाय इस्तीफा देना ही पसंद करूंगा।’ सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार का पहला लक्ष्य गठबंधन में शामिल दलों के साथ मिलकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करना है जिसके आधार पर पूरी तरह पारदर्शी सरकार राज्य में चलायी जायेगी।
यह पूछे जाने पर कि राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार कब किया जायेगा, हेमंत ने कहा, ‘बहुत जल्द और बहुत संभव है कि 25 जुलाई को राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही यह कार्य कर लिया जाये।’ उन्होंने कहा कि वह सभी गठबंधन दलों के साथ मिलजुलकर ही सरकार की कार्य योजना तय करेंगे और उसी के आधार पर राज्य में विकास कार्य होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष के विचारों को भी पूरी गंभीरता से लेगी और उसे अपने विकास कार्यक्रमों में शामिल करेगी।
यह पूछे जाने पर उनकी सरकार का अब क्या मुख्य लक्ष्य है, हेमंत ने कहा, ‘सरकार के सामने लक्ष्य बहुत बड़ा है। अनेक चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों का सामना नयी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ राज्य हित में काम करेगी और झारखंड को देश में सबसे आगे ले जाने का प्रयास करेगी।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 18, 2013, 20:34