Last Updated: Monday, January 9, 2012, 14:24
पुणे : एक अंतरराष्ट्रीय कश्मीरी पंडित युवा सम्मेलन में अलग जन्मभूमि के लिए संघर्ष और अपने समुदाय की भाषा तथा संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया गया।
रविवार रात संपन्न हुए दो दिवसीय सम्मेलन में लिए गए संकल्प के अनुसार, विस्थापित पंडित युवा कश्मीर में अलग जन्मभूमि के लिए संघर्ष करेंगे और भाषा तथा संस्कृति की रक्षा करेंगे। एक अन्य प्रस्ताव के मुताबिक जाने माने कश्मीरी पंडितों और विचारकों ने कश्मीरी पंडित युवाओं ,खासकर जो जम्मू या अन्य शिविरों में सुविधाओं के अभाव में रह रहे हैं ,का पता लगाने और उन्हें शक्तिशाली बनाने का फैसला भी किया।
पनून कश्मीर के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमाल हक ने कहा कि अपनी जन्मभूमि से पंडितों के दुर्भाग्यपूर्ण विस्थापन ने उनमें जड़ों से अलग होने का अहसास और अपने ही देश में अजनबी होने की भावना पैदा कर दी है। कश्मीरी वाहिनी प्रवक्ता खोमा कौल ने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए युवाओं को खुद को अपने इतिहास और संस्कृति से जोड़ने पर जोर दिया। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 9, 2012, 19:54