जाकिया जाफरी SIT रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दायर नहीं कर सकती: कोर्ट

जाकिया जाफरी SIT रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दायर नहीं कर सकती: कोर्ट

जाकिया जाफरी SIT रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दायर नहीं कर सकती: कोर्टअहमदाबाद : अहमदाबाद की एक स्थानीय अदालत ने आज कहा कि गुजरात दंगों में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने ‘समय निकल जाने के चलते’ विशेष जांच दल (एसआईटी) के खिलाफ याचिका दायर करने का अधिकार खो दिया है।

गौरतलब है कि एहसान जाफरी उन 69 लोगों में शामिल हैं जिन्हें दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी में 28 फरवरी 2002 को भीड़ ने जिंदा जला दिया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बीजे गंतारा ने कहा कि जाकिया इसके विरोध में याचिका दायर नहीं कर सकती क्यांेकि पर्याप्त समय दिये जाने के बावजूद वह इसे दायर करने में नाकाम रही हैं।

अदालत ने कहा कि अब जाकिया एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ सिर्फ मौखिक दलील दे सकती हैं। अदालत का यह आदेश ऐसे वक्त में आया है जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और मोदी जनता से राज्य में चौथा कार्यकाल मांग रहे हैं।

विशेष जांच दल ने गुलबर्ग सोसाइटी दंगा मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट अदालत को सौंप दी थी जिसमें मोदी एवं अन्य को 2002 के दंगों के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी। एसआईटी ने मई में जकिया को रिपोर्ट की एक प्रति मुहैया की थी और उन्हें दो महीने की निर्धारित अवधि के अंदर इसके विरोध में एक याचिका दायर करने को कहा था। हालांकि यह याचिका अभी तक जकिया ने दायर नहीं की है। जाकिया के वकील एसएम वोहरा ने अदालत को बताया कि उन्होंने कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण के लिए उच्चतम न्यायालय का रूख किया था और शीर्ष न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई की तारीख तीन दिसंबर है।

वोहरा ने बाद में बताया कि आमतौर पर निचली अदालतें उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार किया करती हैं। हालांकि, इस अदालत ने इंतजार नहीं किया और आदेश जारी कर दिया जो स्तब्ध कर देने वाला है। उन्होंने कहा, हम इस बात से उच्चतम न्यायालय को तीन दिसंबर से पहले अवगत कराएंगे। वोहरा ने कहा, हमने आदेश का अदालत में विरोध किया। एसआईटी का गठन उच्चतम न्यायालय ने किया था ताकि जकिया जाफरी के आरोप की जांच की जा सके। जकिया ने मोदी, उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों, पुलिस अधिकारियों और कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों पर 2002 दंगों की साजिश के पीछे होने का आरोप लगाया था। एसआईटी ने जांच के बाद उच्चतम न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मोदी और अन्य को क्लीन चिट दी थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 27, 2012, 22:02

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